Chhindwara - मध्यप्रदेश में जहरीली कफ सिरप Cough Syrup कोल्ड्रिफ के सेवन से अब कुल 26 बच्चों की मौत हो चुकी है।
Chhindwara - मध्यप्रदेश में जहरीली कफ सिरप Cough Syrup कोल्ड्रिफ के सेवन से अब कुल 26 बच्चों की मौत हो चुकी है। छिंदवाड़ा Chhindwara और बैतूल जिले के इन मासूमों की मौत किडनी फेल हो जाने की वजह से हुई। कई बच्चे अभी भी नागपुर के अस्पतालों में भर्ती हैं जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी डॉ. प्रवीण सोनी की की मुश्किलें और बढ़ती जा रहीं हैं। एसआइटी ने अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में डॉ. सोनी की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि उनको जहरीला कफ सिरप लिखने के लिए 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। कोर्ट ने 8 अक्टूबर को ही उनकी जमानत खारिज कर दी थी। अब आरोपी डॉ. प्रवीण सोनी को हाईकोर्ट से भी जमानत मिलने में मुश्किलें पेश आ रहीं हैं।
पुलिस की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत की गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा 4 साल से कम उम्र के बच्चों को फिक्स्ड डोजकॉम्बिनेशन (एफडीसी) दिए जाने पर पाबंदी लगाई गई थी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए थे।
पुलिस का आरोप है कि इसके बाद भी आरोपी डॉ. प्रवीण सोनी ने ऐसी दवाएं और कफ सिरप लिखना जारी रखा। उन्होंने कोई दिशा-निर्देश नहीं माने। पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि डॉ. प्रवीण सोनी को मिलावटी कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स से 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था।
इधर डॉ. प्रवीण सोनी की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष पेश करते हुए कहा गया कि उन्होंने जानबूझकर हानिकारक दवाएं या कफ सिरप नहीं लिखा। उनकी 35 सालों की प्रैक्टिस है और सरकारी डॉक्टर होने के नाते वे ये दवाएं लिखते रहे हैं।
अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद जहरीले कफ सिरप केस में मुख्य आरोपी डॉ. प्रवीण सोनी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। यहां से भी उनको राहत नहीं मिल सकी। दरअसल शुक्रवार को जिस कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी थी वह लगी ही नहीं। ऐसे में डॉ. प्रवीण सोनी को हाई कोर्ट से भी जमानत मिलने में मुश्किलें आ रहीं हैं।