ब्रिज क्रमांक-94 में दरार के बाद सात माह से इतवारी-रीवा-इतवारी ट्रेन बंद है
अक्सर नवरात्र आते ही मैहर वाली माता शारदा के दर्शनों की इच्छा जाग्रत हो जाती है, ऐसे में इतवारी से चलने वाली रीवा एक्सप्रेस को सर्वश्रेष्ठ साधन माना जाता था। जब यह ट्रेन संचालित हो रही थी, तो इस ट्रेन से रात में साढ़े 8 बजे बैठकर सुबह 6 बजे श्रद्धालु मैहर पहुंच जाते थे और पूरे दिन आराम से दर्शन कर शाम को 6 बजे रीवा से इतवारी की ओर आने वाली ट्रेन में बैठकर सुबह साढ़े 3 बजे वापस छिंदवाड़ा पहुंच जाते थे। सिर्फ एक दिन के समय में माता शारदा के दर्शन के बाद बिना थके अगले दिन छिंदवाड़ा में काम काज भी किया जा सकता था।
इसबीच घाट सेक्शन भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच ब्रिज क्रमांक-94 में दरार के बाद विगत 7 माह से इतवारी-रीवा-इतवारी ट्रेन को बंद कर दिया गया और अभी भी 2 माह और चलाने की योजना नहीं है। यह घाट सेक्सन भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच है, छिंदवाड़ा के आसपास नहीं है। रीवा ट्रेन को छिंदवाड़ा से चलाया जा सकता था, जिससे छिंदवाड़ा से रात साढ़े 8 बजे चलकर बिना एक दिन की हानि के यात्रियों को सुबह जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना एवं रीवा सुबह साढ़े 8 बजे के पूर्व पहुंचा जा सकता है।
इतवारी से रीवा चलने वाली ट्रेन क्रमांक 11755, प्रति सोमवार, प्रति बुधवार, प्रति शुक्रवार एवं शनिवार चलती थी, जबकि रीवा से इतवारी की ओर चलने वाली ट्रेन क्रमांक 11756 प्रति मंगलवार, प्रति गुरुवार, प्रति शुक्रवार एवं रविवार चलती थी। उक्त ट्रेन के एक दिन के आड़ में भी चलने के बावजूद लोगों को असुविधा नहीं हो रही थी। सोमवार को चलने वाली ट्रेन मंगलवार को पहुंचती थी और मंगलवार को पूरा दिन काम काज करने के बाद लोग उसी रात मंगलवार को चलकर बुधवार की तडक़े वापस छिंदवाड़ा आ जाते थे।
नागपुर से सुबह 8 बजे चलने वाली ट्रेन का छिंदवाड़ा पहुंचने का समय सुबह पौने 11 बजे है, लेकिन यह ट्रेन आमला की ओर से डायवर्ट होकर आ रही है और हर दिन 4 घंटे देरी से पहुंच रही है। घाट सेक्शन भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच ब्रिज क्रमांक 94 के कारण यह ट्रेन भी प्रभावित है, लेकिन इसे चलाया जा रहा है, इसी तरह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की इतवारी रीवा ट्रेन को भी छिंदवाड़ा से रीवा संचालित करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उक्त समय पर छिंदवाड़ा से रीवा तक ट्रैक में कोई अतिरिक्त ट्रैफिक भी नहीं बढ़ा है। यह ट्रेन कटनी साउथ से कटकर उमरिया, बिरसिंहपुर शहडोल पहुंचती है।