- स्लॉट बुक नहीं करा पा रहे किसान - डीएमओ ने कहा-एक सप्ताह पहले बंद करने का नियम
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समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की अंतिम तिथि 31 मई है। इससे दस दिन पहले ही उपार्जन पोर्टल बंद हो गया है। इससे किसान खरीदी करने स्लॉट बुक नहीं करा पा रहे हैं। उन्हें गेहूं बेचने में परेशानी आ रही है। अमरवाड़ा के आलोक सूर्यवंशी ने पत्रिका को फोन पर बताया कि वे पिछले दो दिन से ई-उपार्जन पोर्टल पर गेहूं बिक्री का स्लॉट बुक कराने परेशान हो रहे हैं। इस पोर्टल पर तिथि और सबमिट का ऑप्शन ही बंद कर दिया गया है। उनके मुताबिक अमरवाड़ा सोसाइटी में पहले बारदाने उपलब्ध न होने पर संबंधित कर्मचारियों ने उन्हें बाद में स्लॉट बुक कराने की सलाह दी थी। सोसाइटी में जब बारदाने आए तो पोर्टल ही बंद हो गया है। यही स्थिति उनके जैसे दूसरे किसानों की है, जिनका स्लॉट बुक नहीं हो पा रहा है।
इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी शिखा सरेयाम का कहना है कि गेहूं की सरकारी खरीद की अंतिम तिथि से एक सप्ताह पहले ही पोर्टल में स्लॉट बुकिंग बंद करने का नियम है। इस बार खरीदी की अंतिम तिथि 31 मई है। ऐसे में यह पोर्टल बंद हो गया होगा। उनके अनुसार यदि सरकार गेहूं की सरकारी खरीद तिथि बढ़ाती है तो पुन: पोर्टल खुल सकता है।
विपणन अधिकारी के मुताबिक मई की 22 तारीख तक गेहूं की सरकारी खरीदी 2 लाख 45 हजार क्विंटल पहुंच गई है। इसके एवज में सरकार की ओर से 50.95 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। अभी पुराने स्लॉट बुकिंग के आधार पर गेहूं खरीदी जारी रहेगी। बता दें कि किसानों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव दिए जा रहे हैं। पिछले साल 2023 में किसानों का पंजीयन 34246 था। इनमें 5708 किसानों ने 497220 क्विंटल गेहूं बेचा था।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर ई-उपार्जन पोर्टल पर ग्रीष्मकालीन फसल मूंग एवं उड़द के पंजीयन करने के निर्देश जारी किए हैं। जिला उपार्जन समिति की सहमति के बाद जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उत्पादक कृषकों के पंजीयन करने कुल 18 पंजीयन केंद्रों का निर्धारण किया है। कृषकों की सुविधा के लिए इन केंद्रों में 18 समिति प्रबंधक एवं नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कलेक्टर ने बताया कि ग्रीष्मकालीन फसल मूंग व उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय के लिए 20 मई से कृषकों के पंजीयन का कार्य प्रारंभ हो गया है, जो पांच जून तक चलेगा। कर्मचारी पंजीयन की कार्यवाही का संपादन करेंगे। उसे उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास छिंदवाड़ा को अवगत कराएंगे।