मुख्य सडक़ों पर अच्छा काम, गली मोहल्लों में की गई खानापूर्ति, खुदाई के बाद रेस्टोरेशन में बरती लापरवाही
छिंदवाड़ा शहर में 257 किलोमीटर से अधिक सीवर लाइन डाली जा चुकी है। सिर्फ एक किमी ही लाइन शेष है। खुदाई के बाद कई स्थानों पर रेस्टोरेशन ऐसा हुआ कि वहां यह पता ही नहीं चलता कि सीवर लाइन के लिए खुदाई की गई है, जबकि शहर के कई हिस्सों में आज भी सडक़ों पर किए गए पैच वर्क उभरकर नजर आते हैं। कई बार तो वाहन चालकों को कई कई दिनों तक याद रह जाने वाले निशान भी छोड़ जाते हैं।
दरअसल, घरों के मलजल निकासी एवं उसके ट्रीटमेंट के लिए जुलाई 2017 से सीवरेज कंपनी ने सीवर लाइन डालने का काम शुरू किया। काम की तय सीमा तीन वर्ष थी, परंतु कई कारणों से यह समय सीमा करीब साढ़े सात साल तक खिंच गई। इस बीच सडक़ों पर सीवर लाइन डाली गई और खुदी हुई सडक़ का रेस्टोरेशन किया गया।
नियमानुसार सडक़ को वैसा ही किया जाना था, जैसी वह खोदने के पहले थी। लेकिन, वैसी सडक़ सभी जगह नहीं बनी। बल्कि कई जगह उससे अधिक खराब हो गई। यहां से वाहन ही नहीं पैदल गुजरना भी खतरनाक है। नागपुर रोड बोदरी नदी पुल से लेकर ईएलसी चौक तक, भरतादेव रोड, नगर निगम के सामने, कलेक्टर निवास से लेकर कलेक्ट्रेट तिराहे तक, उत्कृष्ट विद्यालय के सामने की सडक़ खुदाई के बाद पहले से भी बेहतर बना दी गई, क्योंकि इन रास्तों से हर दिन प्रशासन के अधिकारियों की आवाजाही होती है। यानी इनकी नजर में अपनी छवि कायम रखने के लिए कम्पनी ने कोई कोताही नहीं बरती। लेकिन ऐसा करके कम्पनी ने इन अधिकारियों गुमराह करने का काम किया है।
रामबाग, लालबाग, शारदा चौक, छापाखाना, राजपाल चौक, बजरंग नगर, संचार कालोनी, शंकर नगर, पुराना लोनिया, महावीर कॉलोनी में कई स्थानों पर रेस्टोरेशन के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है।
काम में अनियमितता जैसी कोई बात नहीं है। सभी स्थानों पर रेस्टोरेशन के लिए एक जैसी प्रक्रिया अपनाई गई है। डामर सडक़ पर डामर अपनी पकड़ मजबूत बना लेता है, लेकिन सीसी सडक़ पर न तो डामर फिट बैठता है और न ही सीमेंट काम आता है। हालांकि परियोजना का काम पूरा होने के बाद नए सिरे से सडक़ निर्माण करने के प्रस्ताव पर काम किया जाएगा।
ईश्वर सिंह चंदेली, कार्यपालन यंत्री निगम