MP News: छिंदवाड़ा के पश्चिम वनमंडल में मजदूरों के बैंक खातों से लाखों की फर्जी निकासी का खुलासा हुआ है। रिश्तेदारों के खातों से लेनदेन, टीए-डीए में भी घोटाले के संकेत मिले हैं।
TA-DA payments scam:छिंदवाड़ा के पश्चिम वनमंडल में बैंक खातों में गड़बड़ी के मामले की चल रही जांच में नया मोड़ आया है। पता चला है कि वनमण्डल में जिस कर्मचारी को कोषालय की जिम्मेदारी दी गई, उसने मजदूरों के बैंक खातों में गड़बड़ी की। जब खाता का नंबर या आईएफसी कोड (IFSC code) रिजेक्ट हुआ तो ये कर्मचारी अपने रिश्तेदारों और परिचितों के बैंक खाता नबरों का उपयोग करने लगे। मजदूरों के नाम पर लाखों रुपए फर्जी तौर पर निकाले गए। इसी तरह कर्मचारियों के टीए-डीए बिल निकालने में भी फर्जीवाड़ा होता रहा।
एक दिन पहले सोमवार को इस मामले में पश्चिम वनमंडल के डीएफओ साहिल गर्ग ने जिम्मेदार वन रक्षक शाहीद खान को निलंबित किया है। वनमण्डल में वर्ष 2017 से लगातार रेकॉर्ड में हो रही हेराफेरी और बैंक खातों के लेनदेन में गड़बड़ी के मामले की जांच कोषालय विभाग की ओर से की जा रही है। इस मामले में प्रथम दृष्टया शाहीद को दोषी पाया गया है। (MP News)
इसके अलावा एक दर्जन अधिकारी-कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं। जिनमें बैंक से रिजेक्ट किए गए बैंक खातों और संबंधित कर्मचारियों और उनके परिजन के खातों की पड़ताल की जा रही है। सरकारी धन राशि के दुरुपयोग का मामला कोई नया नहीं है। अक्सर हर रेंज मैं कर्मचारी ऐसी गड़बड़ी कर रहे हैं।
इस मामले में पश्चिम वनमण्डल के परासिया डिवीजन के एसडीओ विजेन्द्र खोपरागड़े भी विभागीय जांच टीम के सदस्य है। उनके अनुसार इस प्रकरण की कलेक्टर की ओर से गठित कोषालय की टीम जांच कर रही है। टीम को बेसिक जानकारी दी जा रही है। उन्होंने जिमेदार कर्मचारियों के बैंक खातों की जांच होना स्वीकार किया। साथ ही कहा कि जांच पूरी होने पर वनमंडल की ओर से इसका जल्द खुलासा करेंगे।
वनमण्डल के कर्मचारियों के टीए, डीए में बैंक खातों के उपयोग का खेल लगातार होता रहा। संबंधित कर्मचारियों को अक्सर बजट का अभाव बताया जाता रहा। फिर गड़बड़ी कर उस कर्मचारियों से खातों से रकम उड़ाई जाती रही। यह गड़बड़ी पूर्व और पांढुर्ना वन मण्डल में भी हो सकती है। (MP News)