राजस्थान की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के तहत प्रस्तावित ब्राह्मणी नदी पर बनने वाले बैराज और उसके पानी को बीसलपुर बांध तक ले जाने की 11 साल पुरानी योजना में अब एक ऐसा शॉर्टकट सामने आया है, जो न सिर्फ करोड़ों रुपए और समय बचा सकता है, बल्कि बेगूं और आसपास के इलाकों को बाढ़ से भी राहत दिला सकता है।
संदीप सुराणा
Chittorgarh: राजस्थान की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के तहत प्रस्तावित ब्राह्मणी नदी पर बनने वाले बैराज और उसके पानी को बीसलपुर बांध तक ले जाने की 11 साल पुरानी योजना में अब एक ऐसा शॉर्टकट सामने आया है, जो न सिर्फ करोड़ों रुपए और समय बचा सकता है, बल्कि बेगूं और आसपास के इलाकों को बाढ़ से भी राहत दिला सकता है। सरकार की जहां ब्राह्मणी नदी के पानी को 132 किलोमीटर लंबी नहर और टनल के माध्यम से बनास नदी में ले जाने की 693 करोड़ रुपए की योजना प्रस्तावित है, वहीं विशेषज्ञ एक वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दे रहे हैं, जिससे यह दूरी मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी।
इसमें भी केवल 18 किलोमीटर का ही नया मार्ग बनाना होगा। सरकार यदि इसके वैकल्पिक मार्ग का सर्वे करे, तो 132 किलोमीटर की वर्तमान दूरी को महज 30 किलोमीटर में बदला जा सकता है। इससे इस परियोजना में करोड़ों रुपए और बहुमूल्य समय की बचत संभव है।
ब्राह्मणी नदी के पानी को बेगूं के पास से मेनाली नदी के माध्यम से बीसलपुर ले जाने में सरकार को करोड़ों रुपए की बचत होगी ही, साथ ही बेगूं और आसपास के क्षेत्रों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। ब्राह्मणी नदी वर्षाकाल के दौरान अक्सर उफान पर आ जाती है, जिससे बेगूं नगर के बाजार में पानी भर जाता है और लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है। बेगूं सहित भैंसरोड़गढ़ तक नदी किनारे बसे सभी गांवों को भी नदी के उफान से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
बेगूं से निकलने वाली ब्राह्मणी नदी भैंसरोड़गढ़ में चंबल से मिलती है, जबकि बेगूं उपखंड के विश्व प्रसिद्ध मेनाल से निकलने वाली मेनाली नदी भीलवाड़ा जिले के बीगोद के पास त्रिवेणी संगम में बनास नदी में विलीन हो जाती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बेगूं उपखंड में ब्राह्मणी नदी से मेनाली नदी की दूरी केवल 18 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त, मेनाली नदी का सहायक बस्सी फतेहपुर का नाला ब्राह्मणी नदी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर ही है।
ब्राह्मणी नदी में कई सहायक नदियों और नालों का मिलन होता है, और वर्षा काल के दौरान इन सभी में भरपूर पानी की आवक रहती है। सरकार ने ब्राह्मणी बैराज से 5000 क्यूसेक पानी ले जाने का लक्ष्य रखा है, जिसे बेगूं के पास से ही पूरा कर बीसलपुर पहुंचाया जा सकता है। प्राकृतिक रूप से, बेगूं की समुद्र तल से ऊंचाई मेनाली नदी (सामरिया के निकट निकलने वाली) की ऊंचाई से अधिक है। ऐसे में ब्राह्मणी के पानी को आसानी से थोड़ा मार्ग परिवर्तित कर या चैनल बनाकर मेनाली नदी से जोड़ा जा सकता है।
भैंसरोड के पास ब्राह्मणी बेराज बनाकर उसका पानी बनास में ले जाने के लिए मात्र 18 किमी की पाइप लाइन डाल कर पानी को बीसलपुर डेम तक पहुंचाया जा सकता है। ऐसा होने पर 50 किमी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या खत्म होगी वहीं ब्राह्मणी बैराज में पानी लिफ्ट करने की लागत कम हो सकेगी।