जयपुर विद्युत वितरण निगम ने बिजली चोरों पर नकेल कसने के लिए एक ऐसा हाईटेक जाल बिछाया है,, जिससे बच निकलना मुश्किल होगा। चित्तौड़गढ़ जिले में अब हर ट्रांसफार्मर जासूस की भूमिका निभाएगा और बिजली की एक-एक यूनिट का हिसाब रखेगा।
Digital Trap on Electricity Thieves: राजस्थान में अब तक अंधेरे का फायदा उठाकर आंकुड़िए डालने वाले या मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करने वालों की अब खैर नहीं होगी। जयपुर विद्युत वितरण निगम ने बिजली चोरों पर नकेल कसने के लिए एक ऐसा हाईटेक जाल बिछाया है,, जिससे बच निकलना मुश्किल होगा। चित्तौड़गढ़ जिले में अब हर ट्रांसफार्मर जासूस की भूमिका निभाएगा और बिजली की एक-एक यूनिट का हिसाब रखेगा।
जयपुर विद्युत वितरण निगम अब शहर और गांवों में लगे हर ट्रांसफार्मर पर अत्याधुनिक स्मार्ट मास्टर मीटर लगा रहा है। यह मीटर ट्रांसफार्मर से निकलने वाली कुल बिजली का पूरा हिसाब रखेगा। इसके बाद उस ट्रांसफार्मर से जुड़े सभी घरों और दुकानों में लगे मीटरों की कुल खपत को जोड़ा जाएगा।
अब देखना यह है कि विद्युत निगम का यह डिजिटल पहरेदार बिजली चोरी पर कितना नियंत्रण कर पाता है और शहर की बिजली व्यवस्था में कितना सुधार लाता है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नहीं है। इसमें अघरेलू और कमर्शियल श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को भी शामिल किया गया है। उनके रडार पर वह सभी होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट और दुकानें भी हैं, जो चोरी की बिजली से अपने उपकरण चलाकर निगम और सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस नई तकनीक से यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि किस इलाके में सबसे ज्यादा बिजली चोरी हो रही है।
अगर ट्रांसफार्मर से 100 यूनिट बिजली निकली और उससे जुड़े सभी घरों ने मिलकर 80 यूनिट ही इस्तेमाल की तो शेष 20 यूनिट बिजली का उपभोग कहां किया गया। बस यहीं से बिजली चोरों की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी! जैसे ही खपत में यह अंतर पकड़ा जाएगा, निगम के नियंत्रण कक्ष में तुरंत एक रियल टाइम अलर्ट बजेगा। अलर्ट मिलते ही विजिलेंस टीम तत्काल उस इलाके में पहुंचेगी और चोरी पकड़कर कार्रवाई करेगी। निगम का मकसद बिजली चोरी और छीजत को शून्य पर लाना है। ट्रांसफार्मर पर स्मार्ट मीटर लगने से सटीक डेटा मिलेगा। जैसे ही कहीं चोरी का अलर्ट मिलेगा। टीम तुरंत कार्रवाई करेगी।