चित्तौड़गढ़

Chittorgarh News: अब एआई, ऑटोमेशन और फर्टीगेशन से होगी खेती,  बूंद-बूंद सिंचाई से किसानों की बढ़ेगी आमदनी

Chittorgarh News; इन तकनीकों के कृषि सेक्टर में उपयोग होने से बिजली, पानी व खाद की बचत होगी।

2 min read

चित्तौड़गढ़। प्रदेश सरकार कृषि सेक्टर में युवाओं को जोड़ने के लिए नई तकनीकों पर फोकस कर रही है। ताकि युवा कृषि से जुड़कर इस सेक्टर में नया बूम लेकर आएं। इसके लिए उद्यान निदेशालय की ओर से खेती में ऑटोमेशन, फर्टिगेशन और समुदाय आधारित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) समाधान परियोजना लागू की जा रही है।

इन तकनीकों के कृषि सेक्टर में उपयोग होने से बिजली, पानी व खाद की बचत होगी। उपनिदेशक उद्यान डॉ. शंकर लाल जाट ने बताया कि राजस्थान में सूखाग्रस्त एरिया ज्यादा होने नई तकनीक में बूंद-बूंद पानी के उपयोग पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

चित्तौड़गढ़ को 91 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है। इसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से किसानों को योजना का फायदा दिया जाएगा। जिले में ऑटोमेशन के लिए 91 हेक्टेयर के लिए 26.85 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। वहीं, फर्टिगेशन के लिए जिले को 57 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है।

यह है ऑटोमेशन व फर्टिगेशन

केंद्र सरकार से जारी ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ योजना के तहत ऑटोमेशन कार्यक्रम के लिए ऑटोमेशन कपोनेंट के लिए किसान को प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपए मिलेंगे। कृषक हिस्सा राशि जमा करानी होगी एवं विभाग की ओर से लाभार्थी को अनुमोदित लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

इस योजना में 0.40 से 5 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 2 लाख मिलेंगे। इस तकनीक में कंट्रोलर, सेंसर, सोलेनाइड वाल्व, फिल्टर्स व अन्य माध्यमों से ड्रिप सिंचाई संयंत्रों का स्वचालन किया जाता है। इसी प्रकार फर्टिगेशन में फसल को वांछित पोषक तत्वों की आपूर्ति ड्रिप सिंचाई प्रणाली के माध्यम से सिंचाई के साथ जल विलेयक या तरल उर्वरक की ओर से सीधे ही पौधे की जड़ तक भेजा सकेगा। इस तकनीक से उर्वरक का प्रभावी रूप से उपयोग हो सकेगा।

Published on:
01 Jan 2025 03:34 pm
Also Read
View All

अगली खबर