
प्रतीकात्मक तस्वीर, मेटा एआइ
चित्तौड़गढ़। जिले के चंदेरिया थाना क्षेत्र के रोलाहेड़ा गांव में छह दिन पहले करैत प्रजाति के सांप को पकड़कर रील बनाने व देवरे पर ले जाते समय सर्पदंश से हुई युवक की मौत के बाद चेते वन विभाग के अधिकारियों ने अब जन जागरूकता अभियान शुरू किया है। हालांकि खुद वन विभाग के पास सांपों को रेस्क्यू करने के लिए दक्ष कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में विभाग ने अब तीन वन्यजीव प्रेमियों के नंबर सार्वजनिक रूप से जारी किए हैं।
रोलाहेड़ा गांव में बीते 18 दिसंबर को गांव में सांप निकलने पर गांव के ही मोहित जाट ने सांप को पकड़ लिया था। इसके बाद गांव के युवा डीजे की धुन के साथ सांप को एक देवरे पर ले गए। उसकी रील बनाई। रील बनाते समय सांप ने मोहित के हाथ पर कई जगह डस लिया था। हाथ से खून बहने के बाद भी डीजे की धुन के बीच मोहित को सर्पदंश के बारे में पता नहीं नहीं चला। बाद में वह अचेत हो गया और उदयपुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।
राजस्थान पत्रिका में 22 दिसंबर के अंक में काल बनकर आया करैत झपट ले गया सांसें, अब नहीं बोलेगा मोहित, शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर वन विभाग की उदासीनता का मामला उजागर किया था। इसके बाद चेते वन विभाग के अधिकारियों ने गांवों और स्कूलों में जन जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की है। स्कूलों में और ग्रामीणों में बताया जा रहा है कि किसी भी तरह के अंध विश्वास में नहीं आते हुए सांप दिखते ही वन विभाग को सूचित करें। क्यों कि कई सांप अत्यन्त जहरीले होते हैं, जिनके डसने से मौत हो जाती हैं। गौरतलब है कि गांवों में सांप पकड़कर रील बनाने का काम लंबे समय से हो रहा है।
रोलाहेड़ा गांव में सर्पदंश से हुए हादसे के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने सांप को रेस्क्यू करने के लिए मनीष तिवारी, कन्हैयालाल सालवी और मुबारिक खान के मोबाइल नंबर जारी किए हैं। यह तीनों वन्यजीव प्रेमी वन विभाग के कर्मचारी नहीं है। यानी वन विभाग के पास सांप को रेस्क्यू करने के लिए दक्ष कर्मचारी नहीं है।
Published on:
24 Dec 2025 08:07 am
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