क जुलाई से डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुरानी भारतीय दण्ड संहिता यानी आइपीसी समाप्त हो जाएगी। इसके स्थान पर अब भारतीय न्याय संहिता 2023 बीएसएन लागू हो जाएगी।
Chittorgarh News : चित्तौडग़ढ़. धोखाधड़ी करने वाले जालसाजों के लिए अमूमन 420 शब्द का इस्तेमाल किया जाता रहा है और दफा 420 के तहत ही प्राथमिकी भी दर्ज होती रही है पर अब एक जुलाई से लागू होने जा रहे भारतीय न्याय सुरक्षा बीएसएन कानून में दफा 420 की जगह धारा 318 का इस्तेमाल किया जाएगा। नए कानून में धारा 302 की जगह 103 लगाई जाएगी। एक जुलाई से डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा पुरानी भारतीय दण्ड संहिता यानी आइपीसी समाप्त हो जाएगी। इसके स्थान पर अब भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएसएन) (BSN) लागू हो जाएगी। इसी के साथ सीआरपीसी की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (Bhartiya Nyaya Sanhita) बीएनएसएस लागू होगी। आईपीसी व सीआरपीसी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी। अब अपराध के तरीकों में भी बदलाव हो गया है। नई संहिता में नया कानून होगा।
सीआरपीसी व बीएनएसएस की धाराओं में बदलाव
विषय सीआरपीसी बीएनएसएस धारा
कार्यकारी मजिस्ट्रेट की शक्ति 144 163
अपराध को रोकने के लिए गिरफ्तारी 151 170
एफआइआर 154 173
अंतिम रिपोर्ट 173 193
प्रमुख धाराओं में यह बदलाव
अपराध आईपीसी बीएसएन
हत्या 302 103
दहेज मृत्यु 304बी 80
चोरी 379 303
बलात्कार 376 64
ठगी/धोखाधड़ी 420 318
पति की प्रताडऩा 498ए 85
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)
-सीआरपीसी में धाराओं की संख्या 484 को बीएनएसएस में बढ़ाकर 531 की गई है।
-177 धाराओं को प्रतिस्थापित किया गया है।
- 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं।
-14 धाराएं निरस्त की गई हैं।
ए बीएनएस की प्रमुख परिवर्तन
-आईपीसी में धाराओं की संख्या 511 है। जबकि बीएनएस में 358 धाराएं ही रखी गई हैं।
-बीस नए अपराधों को जोड़ा गया है।
-कई अपराधों के लिए अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है।
-छह छोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान रखा गया है।
-कई अपराधों में दोष साबित होने पर जुर्माना राशि बढ़ाई गई है।
-कई अपराधिक मामलों में सजा की अवधि भी बढ़ाई गई है।