चित्तौड़-उदयपुर मार्ग स्थित घोसुंडा बांध में नाममात्र के पानी की आवक होने के कारण गर्मी में पेयजल सप्लाई में किल्लत हो सकती है। उक्त बांध से शहरी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के साथ ही एक औद्योगिक ईकाई को भी पानी उपलब्ध कराया जाता है।
चित्तौडगढ़़. जिले में औसत के मुकाबले अब तक 80 फीसदी बारिश हो गई है, लेकिन पेयजल स्त्रोत के रूप में चित्तौडगढ़़ की जीवन रेखा माने जाने वाले घोसुंडा तालाब में सिर्फ 25.7 फीसदी पानी की आवक हुई है। ऐसे में बांध में पानी की आवक नहीं होने पर गर्मी में पेयजल संकट गहरा सकता है। उक्त बांध से एक औद्योगिक इकाई को भी पानी की सप्लाई की जाती है।
चित्तौड़-उदयुपर मार्ग स्थित घोसुंडा बांध बना हुआ है। इसकी भराव क्षमता 1123 एमसीएफटी है। इसी बांध से शहरी क्षेत्र के करीब 1.50 लाख घरों में प्रतिदिन पानी की सप्लाई होती है। अभी 24 घंटे में पेयजल आपूर्ति की जा रही है। वर्तमान में बांध में सिर्फ 25 फीसदी पानी उपलब्ध है। उक्त बांध से एक औद्योगिक इकाई को भी नियमित पानी उपलब्ध कराया जाता है। बांध 75 फीसदी खाली होने की स्थिति में औद्योगिक इकाई को पानी उपलब्ध कराना मुश्किल हो जाएगा। वहीं गर्मी में शहरी क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा सकता है। सिंचाई विभाग के जानकारों के अनुसार उदयसागर से बेड़च नदी प्रारंभ होती है। इसका पानी उदयसागर डेम में पहुंचता है, यह 85 फीसदी भरा है, इसके बाद पानी वल्लभनगर डेम में पहुंचता है जो 47 प्रतिशत और वहां से बडग़ांव डेम में पहुंचता है जिसमें मात्र 27 फीसदी ही पानी है। हालांकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में अच्छी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है, इससे अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही है।
जिले में प्री-मानसून बारिश के बाद मानसून की शुरुआत में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन इसके बाद नियमित अंतराल में बारिश नहीं होने के कारण स्थिति विकट होती जा रही है। जिले में औसत 750 एमएम बारिश के मुकाबले 604.50 एमएम बारिश अब तक हुई है, जो की 80.60 फीसदी है। लेकिन कैचमेंट एरिया में बारिश नहीं होने के कारण बांधों एवं तालाबों में पानी की आवक नहीं हो पाई है।
जिले में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 125 छोटे-बड़े बांध आते हैं। वर्तमान में 49 बांध ही ओवरफ्लो हुए है, जबकि 48 बांध पूरी तरह से खाली है। बड़े बांधों में भराव क्षमता के अनुसार मात्र 53 प्रतिशत पानी आया है। ऐसे में अच्छी बारिश नहीं होने पर स्थिति विकट हो सकती है।
जिले में एक जून से अब तक जल संसाधन विभाग के अनुसार चित्तौडगढ़़ में 647 मिमी, गंगरार में 780 मिमी, राशमी में 442 मिमी, कपासन में 372 मिमी, बेगूं में 690 मिमी, निंबाहेड़ा में 826 मिमी, भदेसर में 518 मिमी, डूंगला में 361 मिमी, बड़ीसादड़ी में 401 मिमी, भैंसरोडगढ़़ में 921 मिमी, बस्सी में 879 मिमी एवं भूपालसागर में 417 मिमी दर्ज की गई।
जिले में एक जून से अब तक गंभीरी बांध पर 700 मिमी, वागन बांध पर 317 मिमी, बस्सी बांध पर 909 मिमी, ओराई बांध पर 938 मिमी, बडग़ांव बांध पर 492 मिमी, भूपालसागर बांध पर 366 मिमी, कपासन बांध पर 511 मिमी, संदेसर बांध पर 469 मिमी एवं मातृकुंडिया बांध पर 320 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
घोसुंडा बांध में अब तक 292 एमसीएफटी पानी आया है। यह करीब 4 मीटर खाली है। पूरे साल में पेयजल सप्लाई के लिए 200 एमसीएफटी और औद्योगिक इकाई के लिए 800 एमसीएफटी पानी उपलब्ध कराया जाता है।