चित्तौड़गढ़

Vivah Muhurat 2024: उदय हो गए शुक्र देव, होंगे मांगलिक कार्य, जुलाई में विवाह के हैं सिर्फ ये 5 शुभ मुहूर्त

Vivah Muhurat 2024: शुक्र उदय होने के साथ ही मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह शुरू हो जाते हैं। लेकिन, वर्तमान में 13 दिन का अशुभ पक्ष चल रहा है। लिहाजा शुक्र उदय होने के एक सप्ताह बाद मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

2 min read

Vivah Muhurat 2024: राजस्थान में शादियों का सीजन एक बार फिर से शुरू होने वाला है। सुख समृद्धि और विवाह के लिए कारक ग्रह शुक्र देव उदय हो चुके हैं। शुक्र ग्रह करीब सवा दो माह पहले 23 अप्रेल को चैत्र पूर्णिमा पर अस्त हुए थे जो अब उदय हो चुके हैं।

शुक्र उदय होने के साथ ही मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह शुरू हो जाते हैं। लेकिन, वर्तमान में 13 दिन का अशुभ पक्ष चल रहा है। लिहाजा शुक्र उदय होने के एक सप्ताह बाद मांगलिक कार्य शुरू होंगे। पण्डित अरविन्द भट्ट ने बताया कि शुक्र को भौतिक सुखों, समृद्धि और वैभव का कारक ग्रह माना जाता है।

शुक्र के अस्त होने पर कई मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। खासकर शादी करना इस दौरान अच्छा नहीं माना जाता हैं। लगभग सवा दो माह के बाद शुक्र देव मिथुन राशि में उदय हुए हैं। वर्तमान में आषाढ़ कृष्ण पक्ष चल रहा है। इस पक्ष में दो तिथियों के क्षय होने के कारण लग्न, मुहूर्त प्रारंभ नहीं हो पाएंगे।

शुक्रोदय के 7 दिन बाद ही विवाह-उत्सवों की धूम सुनाई देगी। हिंदू धर्म के सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, भवन निर्माण, वाहन खरीद, आभूषण संग्रहण आदि शुक्र ग्रह के उदय होने के साथ ही आरंभ होते हैं। इस ग्रह के उदय से बाजारों में रौनक लौटेगी और वैवाहिक खरीददारी का दौर चलेगा।

पंचांगों के अनुसार, शुक्र ग्रह के उदय के बाद धर्मावलंबियों के लिए विवाह का शुभ मुहूर्त 15 जुलाई ( Bhadli Navami 2024 ) तक ही सीमित रहेगा। करण 17 जुलाई से देवशयनी एकादशी से फिर शादी विवाह जैसे कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। पंचांग के अनुसार 9 जुलाई से 15 जुलाई तक पांच शुभ लग्न मुहूर्त हैं। इसके बाद चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा।

विवाह योग्य मुहूर्त का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में विवाह को सबसे पवित्र बंधन माना गया है। विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। शास्त्रों के अनुसार विवाह के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ और उदित होना आवश्यक है। रवि, गुरु का संयोग अत्यंत सिद्धिदायक और शुभफलदायी माना जाता है। इन तिथियों पर विवाह संपन्न करना अत्यंत शुभ माना गया है।

Published on:
03 Jul 2024 01:43 pm
Also Read
View All

अगली खबर