
वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बाघ रखे जाएं
बाघों की बढ़ती संख्या न केवल पर्यावरण बल्कि खाद्य श्रृंखला के हित में हैं। आजकल संरक्षित नेशनल पार्कों व प्रोजेक्ट टाइगर में ही बाघ हैं। भारत के ही भौगोलिक क्षेत्र बाघों के लिए उपयुक्त हैं। यदि वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में भी बाघ छोड़े जाए तो वहां की खाद्य श्रृंखला में भी सुधार होगा। आजकल इको टूरिज्म का चलन हैं। लोगों में जंगल घुमने का रोमांच हैं। अधिकांश वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बाघ होंगे तो वहां के वन्य मानकों में भी वृद्धि होगी और जंगल की अवैध कटाई, अतिक्रमण, मानवीय हस्तक्षेप भी जंगल में कम होने लगेगा। - अशोक चौधरी
क्षतिग्रस्त वनों की पुनर्स्थापना हो
बाघों की बढ़ती संख्या को बनाए रखने हेतु उनके रहवास का संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए वन क्षेत्र का विस्तार, क्षतिग्रस्त वनों का पुनर्स्थापन और सुरक्षित वन्यजीव कॉरिडोर का विकास होना चाहिए। कोर एरिया के आसपास मजबूत बफर जोन बनाकर मानव हस्तक्षेप सीमित किया जाए। अवैध शिकार व जंगल कटाई पर सख्त नियंत्रण जरूरी है। साथ ही स्थानीय समुदाय की भागीदारी, शिकार प्रजातियों का संरक्षण और वैज्ञानिक प्रबंधन से बाघों का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है। - राजेन्द्र जांगिड़, बालोतरा
टाइगर रिजर्व का विस्तार जरूरी
बाघों की बढ़ती संख्या वन्यजीव संरक्षण की सफलता है, लेकिन इसके साथ उनके सुरक्षित रहवास की चुनौती भी जुड़ी है। इसके लिए मौजूदा टाइगर रिजर्व का विस्तार किया जाना चाहिए और नए वन क्षेत्र विकसित किए जाने चाहिए। रणथंभौर टाइगर रिजर्व और सरिस्का टाइगर रिजर्व जैसे क्षेत्रों में बफर जोन को मजबूत करना जरूरी है, ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष कम हो। जंगलों के बीच कॉरिडोर विकसित कर बाघों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करनी चाहिए। साथ ही, स्थानीय समुदायों की भागीदारी, वन संसाधनों का संतुलित उपयोग, अवैध शिकार पर सख्त निगरानी और पर्याप्त पानी-शिकार की उपलब्धता आवश्यक है। संरक्षण तभी सफल होगा जब विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाया जाए। - राकेश खुडिया, श्री गंगानगर
जनजागरूकता बढ़ानी होगी
बाघों की बढ़ती संख्या के साथ उनके संरक्षण और मानव-बाघ संघर्ष को कम करने के लिए बहुआयामी प्रयास आवश्यक हैं। इसके लिए आधुनिक निगरानी तकनीकों जैसे कैमरा ट्रैप, ड्रोन और सैटेलाइट इमेज का उपयोग किया जाना चाहिए। सख्त कानून प्रवर्तन, वन्यजीव गलियारों का निर्माण, अवैध शिकार व तस्करी पर नियंत्रण जरूरी है। साथ ही भोजन आधार (जैसे हिरण और जंगली सुअर) बढ़ाने, प्राकृतिक आवासों की रक्षा-बहाली, वनों की कटाई रोकने और जन-जागरूकता व वैज्ञानिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा। - शिवजी लाल मीना, जयपुर
बंजर भूमि पर वन का विकास हो
बाघों की बढ़ती संख्या निःसंदेह हमारे लिए खुशखबरी है किंतु इनके रहवास की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। बाघों के संरक्षण के लिए हमें घने और सुरक्षित जंगल तैयार करने होंगे। बंजर भूमि को पर्याप्त पेड़-पौधे लगाकर बाघों का रहवास बनाना चाहिए। पहाड़ों का अनावश्यक खनन रोकना चाहिए ताकि जंगली जानवर अपना रहवास छोड़कर मानव आबादी की तरफ न जाए। जंगलों की पर्याप्त ऊंची तारबंदी होनी चाहिए। जंगल में पानी व भोजन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। जंगलों में पेड़ - पौधों की संख्या अधिक होने से अन्य जानवर भी बढ़ेंगे। व्यवस्थित घने जंगल और सुनिश्चित संरक्षण ही बाघों का रहवास सुखद बना सकता है। - आजाद पूरण सिंह, जयपुर
वनों का संरक्षण करना चाहिए
बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, उनके आवास की व्यवस्था का बढ़िया प्रबंध करना जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले उनके रहने के प्राकृतिक वनों को हरा भरा रखा जाए। उनकी बढ़ती आबादी को देखते हुए, उनके शिकार के लिए वन्य जीवों को बढ़ाया जाए। बाघों के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने के रास्ते सुरक्षित( कॉरिडोर) हो। वनों की अंधाधुंध कटाई को रोकने में सख्ती की जाए। क्योंकि ये काम नहीं रोका गया तो बाघ अपनी सुरक्षा को खतरे में जान कर, आबादी वाले इलाकों में आएंगे, जिससे जन जीवन को खतरा होगा।वन्य संरक्षण के लिए सतत निगरानी हो तभी बाघ के रहवास की व्यवस्था सही होगी। - निर्मला वशिष्ठ, अलवर
वन अतिक्रमण पर रोक लगे
बाघों की बढ़ती संख्या के साथ उनके प्राकृतिक आवासों का संरक्षण और विस्तार करना आवश्यक है। वन क्षेत्रों में अवैध कटाई और अतिक्रमण को सख्ती से रोकना चाहिए। वन्यजीव गलियारों का विकास कर बाघों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करनी होगी। वन कर्मियों को आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण देकर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए। स्थानीय समुदायों को संरक्षण से जोड़कर उनके लिए वैकल्पिक आजीविका के साधन उपलब्ध कराने चाहिए। साथ ही वैज्ञानिक निगरानी और प्रभावी वन प्रबंधन से बाघों का संतुलित सह अस्तित्व संभव होगा। - कृष्णकुमार खीचड़, जोधपुर
वन्यजीव गलियारों का विकास करना होगा
बाघों की बढ़ती संख्या और बढ़ते बाघ-मानव संघर्ष के कारण, बाघों के लिए सुरक्षित आवासों की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। आम जनता को बाघों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र के महत्त्व के बारे में शिक्षित करना होगा, और संरक्षण के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। इनमें वनों की कटाई रोकना, वृक्षारोपण को बढ़ावा देना, बाड़ लगाना और वन्यजीव गलियारों के माध्यम से बाघों की सुरक्षित आवाजाही शामिल है। - डॉ प्रेमराज मीना, करौली
कागजों पर नहीं, जमीन स्तर पर काम जरूरी
बाघों की बढ़ती संख्या खुशी की बात है, लेकिन उनके संरक्षण के लिए ठोस जमीनी प्रयास आवश्यक हैं। निवास क्षेत्रों का विस्तार, वन्यजीव गलियारों का निर्माण और अवैध शिकार व वन्यजीव अंगों के व्यापार पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वनों की कटाई रोककर नए पेड़ लगाए जाएं और प्राकृतिक आवास बहाल किए जाएं। वन विभाग को आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षण और अधिकार दिए जाएं। स्थानीय लोगों में जागरूकता और संवेदनशीलता विकसित करना भी जरूरी है। बाघों को कैद नहीं, सुरक्षित जंगल चाहिए। संरक्षण केवल कागजों में नहीं, ईमानदारी से जमीन पर दिखना चाहिए। - लहर सनाढ्य, उदयपुर
वन कटाई पर रोक लगे
बाघों की बढ़ती संख्या हमारे लिए गर्व का विषय है, लेकिन यह तभी सार्थक है जब उनके रहने की जगह भी सुरक्षित हो। जंगल केवल बाघों का घर नहीं, बल्कि प्रकृति का संतुलन हैं। सबसे पहला प्रयास जंगलों को बचाने और फैलाने का होना चाहिए। वन कटाई, अतिक्रमण और अवैध गतिविधियों पर सख्ती जरूरी है, ताकि बाघ अपने प्राकृतिक क्षेत्र में सुरक्षित रह सकें। दूसरा, मानव और बाघ के बीच बढ़ते टकराव को समझदारी से रोकना होगा। इसके लिए स्थानीय लोगों को साथ लेकर चलना, नुकसान का समय पर मुआवजा देना और जागरूकता फैलाना बेहद आवश्यक है। तीसरा, जल स्रोतों और शिकार प्रजातियों का संरक्षण करना होगा, ताकि बाघ जंगल छोड़ने को मजबूर न हों। बाघ बचेगा, तो जंगल बचेगा। और जंगल बचेगा, तो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा। - डॉ. दीपिका झंवर, जयपुर
जंगलों का दायरा बढ़े
विश्व के कुल बाघों की संख्या के 70%भारत में है और मध्यप्रदेश में सर्वाधिक संख्या में बाघ है परन्तु जिस हिसाब से बाघ बढ़ रहे हैं उस हिसाब से जंगल कम होते जा रहे हैं, जिससे बाघों के आवास की समस्या अधिक बढ़ती जा रही है। इनकी बढ़ती संख्या को देखते हुए जंगलों का दायरा बढ़ाना होगा वरना यह मानव बस्तियों में आकर नुकसान करने लगेंगे - संजय डागा, इंदौर
जंगल का संरक्षण जरूरी
बाघों की बढ़ती संख्या के लिए उनके रहवास विस्तार और संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें वन गलियारों को सुरक्षित करना, अवैध शिकार रोकना, और मानव-बाघ संघर्ष कम करना चाहिए, ताकि उन्हें पर्याप्त जगह और भोजन मिल सके और वे सुरक्षित रह सकें। राजन गेदर, सूरतगढ़
Published on:
29 Dec 2025 04:34 pm
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