किसानों ने बताया कि 2021, 2022 से लेकर 2024–2025 तक की फसलों का लंबित बीमा भुगतान अभी तक नहीं मिला, जिससे किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि मूंग खरीद के लिए जारी किए जा रहे टोकन अचानक रद्द कर दिए गए, जिसके चलते किसान मंडी में बार–बार चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा की रद्द किए गए सभी टोकन फौरन पुनः बहाल किए जाएं।
सादुलपुर. स्थानीय कृषि उपज मंडी में अखिल भारतीय किसान सभा (All India Kisan Sabha) तहसील कमेटी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी ने मूंग की फसलों की खरीद करने मुआवजा देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। तथा मांग के समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सोपा है। किसानों ने ज्ञापन में कहा कि इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण मूंग की फसल व्यापक स्तर पर खराब हुई है, लेकिन इसके बावजूद कृषि उपज मंडी राजगढ़ (Krishi Upaj Mandi Rajgarh) में क्रय–विक्रय सहकारी समिति मूंग की खरीद नहीं कर रही। किसानों ने कहा कि समिति का कहना है कि मूंग खराब है, जबकि फसल का खराब होना प्राकृतिक आपदा के कारण है। किसानों ने मांग रखी कि यदि अतिवृष्टि के कारण फसल खराब मानी जा रही है, तो सरकार किसानों को तुरंत मुआवजा तथा फसल बीमा क्लेम प्रदान करे।
नहीं मिला सालों से बीमा क्लेम किसान है परेशान
किसानों ने बताया कि 2021, 2022 से लेकर 2024–2025 तक की फसलों का लंबित बीमा भुगतान अभी तक नहीं मिला, जिससे किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि मूंग खरीद के लिए जारी किए जा रहे टोकन अचानक रद्द कर दिए गए, जिसके चलते किसान मंडी में बार–बार चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा की रद्द किए गए सभी टोकन फौरन पुनः बहाल किए जाएं। जिन किसानों के टोकन अब तक नहीं कटे, उनके टोकन तुरंत जारी किए जाएं। समर्थन मूल्य पर मूंग की तुरंत खरीद शुरू की जाए ताकि किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन ने जल्द इन मांगों पर कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन को तेज करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासनिक तंत्र की होगी
किसान नेताओं ने जताया आक्रोश
इस मौके पर तहसील मंत्री रामनिवास भेसली ने कहा कि क्षेत्र में मूंग फसल की तुलाई को लेकर किसानों में भारी रोष है। किसानों के साथ किसी भी प्रकार की जालसाज़ी, कटौती या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक-एक दाना सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से वादा किया था कि उनके मूंग के एक-एक दाने की खरीद की जाएगी, लेकिन अब सरकार अपने ही वादे से पीछे हटती दिखाई दे रही है।उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट वादा-खिलाफी है, जिसके खिलाफ किसानों का संघर्ष तेज किया जाएगा।
संयोजक मंडल के सह-संयोजक डॉ. रामनिवास ने कहा कि सरकार किसानों को भ्रमित करना बंद करे। किसान अब संगठित होकर संघर्ष करेंगे और अपनी फसल की सही कीमत लेकर रहेंगे। इस मौके पर कुरड़ाराम दमीवाल,रामसिंह सहारण होशियार सिह राजवीर कुलहरि, महेंद्र झाझडिया अशोक पूनिया , प्रभुदयाल गोयल ने एकस्वर में कहा कि यदि खरीद प्रक्रिया में अनियमितता जारी रही, तो किसानों को बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि सरकार तुरंत खरीद प्रक्रिया दुरुस्त करे, वरना आंदोलन की रणनीति घोषित की जाएगी।
किसानों ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित हजारों किसान आज मुआवजे और खरीद प्रक्रिया के इंतजार में परेशान हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए मूंग फसल खरीद, मुआवजा और बीमा क्लेम पर तत्काल निर्णय लेकर राहत पहुंचाए।