रतनगढ़ कस्बे के वार्ड 41 में रहने वाले सेवानिवृत्त सहायक वनपाल सुशील कुमार ने विषाक्त खाकर आत्महत्या कर ली। वह इसी साल 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे।
रतनगढ़ कस्बे के वार्ड 41 में रहने वाले सेवानिवृत्त सहायक वनपाल सुशील कुमार ने विषाक्त खाकर आत्महत्या कर ली। वह इसी साल 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे। आत्महत्या करने के मामले में मृतक के परिजनों के साथ मोहल्लेवासी व राजनेता अस्पताल की मॉर्चरी के आगे कई मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। परिजनों के अनुसार, सेवानिवृत्ति के बाद उनकी पेंशन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी और जो परिलाभ मिलने थे, वो भी नहीं मिले।
परिजनों ने आगे बताया, इस विषय में वे अपने विभाग के ऑफिस में कई दिनों से चक्कर लगा रहे थे। इस दौरान ऑफिस के अधिकारियों ने उनका काम नहीं किया और ऊपर से उनको प्रताड़ित किया गया। इससे वे तनाव में आ गए थे। सोमवार देर रात घर से लापता हो गए। मंगलवार को थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। उसके बाद उन्होंने तनाव में आकर विषाक्त खा लिया और मंगलवार शाम को मृतक भूतनाथ मुक्तिधाम के पास बेहोशी की हालत में पड़े मिले।
उनको रतनगढ़ के सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने उनका शव मॉर्चरी में रखवाया। बुधवार सुबह मृतक के परिजनों के साथ मोहल्लेवासियों व राजनेताओं ने मृतक के परिजनों को 50 लाख मुआवजा देने, एक जने को सरकारी नौकरी देने व दोषी अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर मॉर्चरी के आगे धरना शुरू कर दिया। उसके बाद एसडीएम रामकुमार वर्मा, सीआई दिलीपसिंह, तहसीलदार सज्जन कुमार लाटा, वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और वार्ता की।
शाम 5 बजे हुए समझौते में विधायक पूसाराम गोदारा और एसडीएम रामकुमार वर्मा ने बताया कि उच्च अधिकारियों से वार्ता करके जो सहमति बन पाई है, उसमें 31 मार्च से पहले मृतक की पत्नी के नाम से पेंशन शुरू करवाना, 20 लाख के मुआवजे व एक संविदा नौकरी के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा व दोषी अधिकारियों की जांच रिपोर्ट तैयार कर जिला कलक्टर को भेजने के आश्वासन के बाद मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।