मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर और टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर टीम में ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं, जिसमें किसी खिलाड़ी को बाकी से ज्यादा अहमियत न मिले। ऐसे में वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ मिलकर एक सख्त नियम लाने वाले हैं।
भारतीय टीम में पिछले कुछ समय से 'वर्ल्ड लोड' मैनेजमेंट चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले कुछ सालों में विराट कोहली, रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह जैसे स्टार खिलाड़ियों ने इसके नाम पर कई सीरीज से अपना नाम वापस लिया है और आराम करने का फैसला किया है। इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में भी ऐसा ही हुआ। बुमराह ने सीरीज के पहले ही तय कर लिया था कि वे सिर्फ तीन टेस्ट खेलेंगे और अंत में ऐसा ही हुआ।
मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर और टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर टीम में ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं, जिसमें किसी खिलाड़ी को बाकी से ज्यादा अहमियत न मिले। ऐसे में वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ मिलकर एक सख्त नियम लाने वाले हैं। गंभीर, अगरकर और बीसीसीआई इस बात पर एकमत हैं कि अब वर्कलोड मैनेजमेंट के नाम पर खिलाड़ियों को अपनी मर्जी से मैच और सीरीज चुनने की आजादी नहीं दी जानी चाहिए।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, 'इस पर बात हो चुकी है और सभी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों को यह साफ कर दिया गया है, खासकर उन्हें जो तीनों फॉर्मेट खेलते हैं, कि अब अपनी मर्जी से मैच चुनने वाला कल्चर नहीं चलेगा। इसका मतलब ये नहीं कि वर्कलोड मैनेजमेंट को नजरअंदाज किया जाएगा। तेज गेंदबाजों के लिए यह जरूरी है, लेकिन इसकी आड़ में अहम मुकाबलों से दूर नहीं रह सकते।"
जहां एक तरह बुमराह ने इंग्लैंड दौरे पर मात्र तीन टेस्ट खेले हैं। वहीं तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने पांचों मैच खेलते हुए 185.3 ओवर फेंके हैं।