International Cricket Stadium Gorakhpur: गोरखपुर, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम वाला यूपी का पांचवां शहर बन जाएगा। इससे पहले कानपुर, लखनऊ, वराणसी और नोएडा में क्रिकेट स्टेडियम बन चुके हैं।
Gorakhpur International Cricket Stadium: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में विश्व स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम बनाये जाने की कवायद तेज हो गई है। वर्ष 1988 में क्रिकेटर ऑफ द ईयर रह चुके गोरखपुर के नरेंद्र हिरवानी के नाम पर बनने वाले इस स्टेडियम में गोरखपुर समेत पूर्वांचल ही नहीं बल्कि बिहार के युवा क्रिकेट खिलाड़ियों को भी अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिलेगा। इसके निर्माण के साथ ही गोरखपुर, क्रिकेट स्टेडियम वाला यूपी का पांचवां शहर बन जायेगा। 6 जुलाई को गोरखपुर पहुंचे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस बाबत घोषणा कर चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, करीब 100 एकड़ में बनने वाले इस स्टेडियम की जमीन के लिए सड़क, हवाई यातायात की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखा जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि कानपुर, लखनऊ, नोएडा और वाराणसी के बाद उत्तर प्रदेश का यह पांचवां अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम होगा। इसका लाभ न केवल गोरखपुर, बल्कि पूर्वांचल, यूपी की सीमा से लगे हुए बिहार और मित्र राष्ट्र नेपाल की खेल प्रतिभाओं को भी मिलेगा। बेहतर प्रशिक्षण के जरिए क्रिकेट खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूर्वांचल का नाम रोशन करेंगे।
गोरखपुर में इस स्टेडियम के बनने से स्पोर्ट्स कारोबार में भी उछाल आएगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच शुरू होने पर स्पोर्ट्स टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को भी फायदा होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का खेलों से खास लगाव है। समय-समय पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों से वह मिलते हैं और उन्हें सम्मानित करते हैं। कुछ दिनों पहले ही वे टी-20 विश्व विजेता टीम के हिस्सा रहे उत्तर प्रदेश के क्रिकेटर कुलदीप यादव से भी अपने आवास पर मिले थे।
अगस्त 2021 में खिलाड़ियों के सम्मान में लखनऊ में खेल कुंभ का आयोजन भी हो चुका है। सीएम योगी लखनऊ में खेल एकेडमी बनाने एवं कुश्ती समेत दो खेलों को एडॉप्ट करने और 10 साल तक इनके वित्त पोषण की घोषणा भी कर चुके हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने मेरठ में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम से खेल विश्वविद्यालय भी बनवा रही है। गांव-गांव में खेल मैदान, ओपन जिम, गंगा के तटवर्ती गावों में गंगा मैदान बनाने के पीछे भी जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना ही मकसद है।