अश्विन ने ड्यूक गेंद की प्रकृति को इस समस्या का प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा, "ड्यूक गेंद से ढलने में समय लग सकता है। एसजी गेंद हाथ में अच्छे से आती है और आरामदायक महसूस होता है।"
भारतीय युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की फील्डिंग इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में चर्चा का विषय बनी हुई है। लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में यशस्वी ने चार कैच छोड़े, जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा और इंग्लैंड ने यह मुक़ाबला पांच विकेट से जीत लिया। अब इसको लेकर पूर्व दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपनी राय दी है।
अश्विन का मानना है कि यशस्वी जैसे युवा खिलाड़ी को अनुभव के साथ और बेहतर होने का मौका मिलेगा। अश्विन ने अपने वीडियो में कहा, "स्लिप कॉर्डन पर यशस्वी के कैच छोड़ने को लेकर कई बातें हुई हैं। हां, उसे यह मुश्किल लग रहा होगा, लेकिन आइए हम सब बस कुछ समझें और उन्हें थोड़ा आराम से रहने दें, जो हम अक्सर करने में विफल रहते हैं। मैं यह बताना चाहता हूं कि इंग्लैंड में कैच पकड़ना कितना मुश्किल है। वहां ठंड रहती है और ड्यूक की गेंद भी अहम किरदार निभाती है।"
अश्विन ने ड्यूक गेंद की प्रकृति को इस समस्या का प्रमुख कारण बताया। उन्होंने कहा, "ड्यूक गेंद से ढलने में समय लग सकता है। एसजी गेंद हाथ में अच्छे से आती है और आरामदायक महसूस होता है। कोकोबुरा छोटी लगती है। ड्यूक कठिन है और निश्चित रूप से गेंद बड़ी लगती है और उसे कैच करना आसान नहीं है।" अश्विन के अनुसार, ड्यूक गेंद का वजन, आकार और स्विंग करने का तरीका इसे पकड़ने में एक बड़ी चुनौती बनाता है, खासकर स्लिप जैसी महत्वपूर्ण पोजीशन में।
अश्विन ने यशस्वी की फील्डिंग की तारीफ करते हुए कहा, "यशस्वी भारत के सबसे बेहतर स्लिप फील्डर्स में से एक रहे हैं। उन्होंने हाल के दिनों में कुछ शानदार कैच लपके हैं, खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में। इसलिए हमें उन्हें कुछ समय देना चाहिए।"
यशस्वी के कैचों को लेकर भारतीय कोच गौतम गंभीर ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, "कैच छूटते हैं। बेहतरीन फील्डरों ने कैच छोड़े हैं। उनमें से किसी ने भी जानबूझकर ऐसा नहीं किया। शुभमन गिल के लिए भारतीय टेस्ट कप्तान के तौर पर अपने कार्यकाल की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उन्होंने कहा कि कैच छूटना और बल्लेबाजी का ध्वस्त होना उनकी हार का मुख्य कारण था।