IPL Final History: आईपीएल का 18वां फाइनल 3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। आरसीबी चौथी बार फाइनल में पहुंची है। हालांकि सबसे ज्यादा 10 बार चेन्नई सुपर किंग्स ने खिताबी मुकाबले तक सफर तय किया है।
IPL Final: इंडियन प्रीमियर लीग इतिहास का 18वां फाइनल 3 जून को खेला जाएगा। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने फाइनल में जगह पक्की कर ली है। उन्होंने चौथी बार यह कारनामा किया है। इससे पहले 2009, 2011 और 2016 में फाइनल तक पहुंचे और तीनों ही बार उन्हें हार झेलनी पड़ी। अब तक 18 सीजन में 15 अलग-अलग टीमें इस लीग का हिस्सा रही हैं। इनमें से कुछ टीमें चैंपियन बनीं, कुछ फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन कुछ ऐसी भी टीमें रहीं, जो खिताबी मुकाबले तक का सफर तय ही नहीं कर पाईं। चलिए उन 4 चार टीमों के कहानी बताते हैं, जो आईपीएल इतिहास में कभी भी फाइनल में नहीं पहुंची हैं।
2022 में आईपीएल में शामिल हुई संजीव गोयनका की मालिकाना वाली लखनऊ सुपर जायंट्स ने अपने पहले दो सीजन में शानदार प्रदर्शन किया और प्लेऑफ तक का सफर तय किया। केएल राहुल की कप्तानी में इस टीम ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी में संतुलन दिखाया, लेकिन एलिमिनेटर में हारकर वे फाइनल से दूर रह गए। 2024 में भी वे प्लेऑफ में जगह बनाने से चूक गए। 2025 में इस टीम की कमान ऋषभ पंत ने संभाली और हालत पहले से भी खराब नजर आई। टीम प्लेऑफ के लिए रेस में भी शामिल नजर नहीं आई।
2011 में आईपीएल में शामिल हुई कोच्चि टस्कर्स केवल एक सीजन खेल पाई। महेला जयवर्धने और मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गजों के बावजूद, यह टीम लीग चरण में सातवें स्थान पर रही। उनके पास न तो पर्याप्त गहराई थी और न ही बड़े मैचों का अनुभव। बीसीसीआई के साथ अनुबंध विवाद के कारण इस फ्रैंचाइज़ी का एक ही सीजन के बाद अस्तित्व समाप्त हो गया। कोच्चि की कहानी अधूरी रह गई और वे कभी प्लेऑफ या फाइनल में नहीं पहुंच पाए।
साल 2011 से 2013 तक पुणे वॉरियर्स ने तीन आईपीएल सीजन खेले, लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। युवराज सिंह, सौरव गांगुली, और रॉबिन उथप्पा जैसे सितारों के बावजूद, टीम ने कभी प्लेऑफ में जगह नहीं बनाई। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2012 में पांचवां स्थान था। खराब टीम संयोजन, लगातार कप्तानी में बदलाव, और बीसीसीआई के साथ मतभेद ने उनकी राह मुश्किल बनाई और 2013 के बाद फ्रैंचाइज़ी ने आईपीएल छोड़ दिया और फाइनल में पहुंचने का सपना अधूरा रह गया।
2016 और 2017 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को बैन कर दिया गया और इसकी जगह राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के साथ गुजरात लायंस को 2 सीजन के लिए आईपीएल में शामिल किया गया। सुरेश रैना की कप्तानी में इस टीम ने 2016 में तीसरा स्थान हासिल किया, लेकिन प्लेऑफ में हार गई। 2017 में उनका प्रदर्शन खराब रहा और वे सातवें स्थान पर रहे।