Shubman Gill Return to Ranji Trophy: गौतम गंभीर और BCCI की सख्ती के बाद शुभमन गिल की रणजी ट्रॉफी में 2 साल बाद वापसी होने जा रही है। गिल रणजी ट्रॉफी के दूसरे चरण में 23 जनवरी को कर्नाटक के खिलाफ पंजाब के लिए मैच खेलने उतरेंगे।
Shubman Gill Return to Ranji Trophy: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम की किरकिरी के बाद गौतम गंभीर ने सभी खिलाडि़यों के घरेलू रेड बॉल क्रिकेट खेलने पर जोर दिया था, जिसके बाद मामला गरमा गया। क्रिकेट के तमाम दिग्गजों ने रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल और शुभमन गिल जैसे सीनियर्स को भी रणजी ट्रॉफी खेलने की सलाह दी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारने को लेकर हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में भी घरेलू क्रिकेट का मुद्दा उठा। जिसके बाद बीसीसीआई ने भी सीनियर्स खिलाडि़यों को रणजी ट्रॉफी के दूसरे चरण में खेलने की सलाह दी। रोहित शर्मा ने जहां मुंबई का रणजी कैंप ज्वाइन कर लिया है। वहीं, शुभमन गिल भी अब 2 साल बाद रणजी में वापसी करने जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह 23 जनवरी को पंजाब बनाम कर्नाटक मैच में हिस्सा लेंगे।
भारत बनाम इंग्लैंड टी20 इंटरनेशनल सीरीज में शुभमन गिल को आराम दिया गया है। हालांकि बीसीसीआई की पूरी नजर अब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी पर है। माना जा रहा है कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए दुबई रवाना होने से पहले वह इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खेलेंगे। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) के एक सूत्र के हवाले से एचटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शुभमन गिल 23 जनवरी को कर्नाटक के खिलाफ पंजाब के लिए रणजी मैच के लिए उपलब्ध हैं।
भारत के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल ने आखिरी घरेलू मैच पिछले साल दलीप ट्रॉफी में खेला था। जबकि उन्होंने आखिरी रणजी मैच 2022 में खेला था। भारत के इस शीर्ष क्रम के बल्लेबाज ने पिछले 4 सालों में सिर्फ एक रेड बॉल घरेलू क्रिकेट मैच खेला है। रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऋषभ पंत जैसे अन्य सीनियर प्लेयर्स ने भी लंबे समय से घरेलू क्रिकेट नहीं खेला है। हालांकि, रोहित शर्मा अभ्यास के लिए वानखेड़े में मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल हो गए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे जम्मू और कश्मीर के खिलाफ खेलेंगे या नहीं।
बता दें कि भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शुभमन गिल का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। उन्होंने तीन मैचों की 5 पारियों में केवल 93 रन ही बनाए। गिल भी बाकी स्टार बल्लेबाजों से अलग नहीं थे, जो अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी।