मंeड़ नदी के तट की हुई साफ सफाई
पत्थलगांव. शनिवार को सावन के महिने की शुरूवात के पहले दिन किलकिलेश्वर धाम के प्रसिद्ध शिव मंदिर मे 550 श्रद्धालुओ ने जलाभिषेक किया। देर रात चंद्र ग्रहण लगने के कारण जलाभिषेक का कार्यक्रम कुछ लेट से शुरू हुआ। लेकिन चंद्र ग्रहण पूरी तरह साफ होने के बाद मंदिर परिसर मे जल चढ़ाने वाले श्रद्धालुओ की काफी लंबी कतार लग चुकी थी। इससे पहले नहाने धोने वाले श्रद्धालुओ के लिए किलकिला के कपिल देव मुनी की ओर से मांड नदी का तट साफ सुथरा करा दिया गया था। शनिवार की सुबह यहां मांड़ नदी के तट पर नहाने धोने का काम कर 200 से भी उपर श्रद्धालुओ ने जल चढाया था। शनिवार सावन की शुरूवात होते ही शिवालयो मे हर-हर महादेव के नारे गुंज रहे थे। यहां के किलकिलेश्वर धाम मे जल चढ़ाने नारायणपुर, गोलाबुढ़ा, लिपती, कापू, ईला से बड़ी संख्या मे महकुल समाज के लोग पहुंचे हुए थे। उनके द्वारा विधिवत भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने के बाद पानी व दूध से जलाभिषेक किया गया।
शहर के शिवालयों में भी रही भीड़ : सावन के पहले दिन शहर के शिवालयो मे भी जल चढ़ाने वाले श्रद्धालुओ की भीड देखी गई। यहां के प्राचीन शिव व सत्यनारायण मंदिर मे सुबह से ही महिलाओं के द्वारा धतुरा का फूल व फल चढ़ाकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश की जा रही थी। यहां जल चढ़ाने पहुंची महिलाओं का कहना है कि धतुरा का फूल व फल के साथ कच्चा चावल,दुध व बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव से अखंड सौभाग्यवति रहने का वरदान प्राप्त होता है।
श्रद्धालुओं को सड़क की पड़ी मार : पत्थलगांव की ओर से किलकिला जल चढाने जाने वाले श्रद्धालुओ को पीएमजीएसवाई सड़क की दुर्दशा का खामियाजा भुगतना पड़ा। इस सड़क को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग के ठेकेदार के द्वारा जगह-जगह से खोद दिया गया है। जिसके कारण श्रद्धालु मुश्किल से किलकिला तक पहुंच रहे थे। बताया जाता है कि यह सड़क पूर्व मे लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आती थी, लेकिन अब यह सडक पीएमजीएसवाई विभाग के अधिनस्थ हो गई है। शनिवार की सुबह भोर मे किलकिला शिव मंदिर जाने वाले श्रद्धालु जगह-जगह से खोदकर छोड़ी गई।