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साहब मैं जिंदा हूं… जिसे मृत मानकर पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी, 61 दिन बाद थाना पहुंचकर शख्स ने चौंकाया

CG News: मौत के 61 दिन जिंदा लौटकर थाना पहुंचे शख्स ने पुलिस को चौंका दिया। पुलिस वालों से कहा कि साहब मैं जिंदा हूं.. आज गांव लौटा तो लोग बोले कि तुम मर गए हो…

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jashpur death case news

जिस युवक की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझाई, वही शख्स 61 दिन बाद पहुंचा थाना ( Photo - Patrika )

CG News: छत्तीसगढ़ के जशपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसे मृत मानकर पुलिस ने हत्या की गुत्थ सुलझाई वही युवक 61 दिन बाद थाना पहुंचकर अपने जिंदा होने की बात बताई है। शख्स की बातें सुन पुलिस वालों के होश उड़ गए। यह मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पुरनानगर के तुरीटोंगरी में सामने आया बहुचर्चित हत्या प्रकरण का है, जो अब रहस्यमय मोड़ ले लिया है। इस खुलासे ने न केवल पुलिस जांच की दिशा बदल दी है, बल्कि पूरे मामले को नए सिरे से जांच के घेरे में ला दिया है।

CG News: अधजले शव से शुरू हुई थी कहानी

18 अक्टूबर 2025 को सिटी कोतवाली जशपुर को सूचना मिली कि तुरीटोंगरी क्षेत्र में एक गड्ढे के भीतर किसी अज्ञात व्यक्ति का अधजला शव पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस को शव का चेहरा और शरीर का अधिकांश हिस्सा जला हुआ मिला। प्रथम दृष्टया मामला गंभीर प्रतीत होने पर पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हत्यात्मक पाए जाने के बाद पुलिस ने बीएनएस की धारा 103(1) व 238(क) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की।

मजिस्ट्रेट के सामने की शव की पहचान

शव की स्थिति अत्यंत क्षत-विक्षत होने के बावजूद, पुलिस ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट (नायब तहसीलदार) के समक्ष शव शिनाख्ती की प्रक्रिया पूरी कराई। इस दौरान मृतक की मां, पत्नी और भाई ने शव को अपने परिजन सीमित खाखा के रूप में पहचानते हुए स्वीकार किया। इसी आधार पर सीमित खाखा का नाम मृतक के तौर पर शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया।

फॉरेंसिक जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों से सीन ऑफ क्राइम का रिक्रिएशन, तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण, गवाहों के बयान, मुखबिर तंत्र की सक्रियता जैसे सभी पहलुओं पर गहनता से जांच की। जांच के दौरान पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के कथन न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 183 बीएनएस के तहत दर्ज कराए गए, जिसमें उन्होंने हत्या की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। यह पूरी प्रक्रिया पुलिस की अनुपस्थिति में संपन्न कराई गई थी।

अब सबसे बड़ा सवाल - असली मृतक कौन

सीमित खाखा के जीवित मिलने के बाद पूरा मामला एक बार फिर शून्य से जांच की स्थिति में पहुंच गया है। अब पुलिस के सामने सबसे अहम प्रश्न यह है कि तुरीटोंगरी में मिला अधजला शव आखिर किसका था इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच टीम गठित की गई है, आसपास के जिलों और राज्यों से लापता व्यक्तियों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।

अचानक सामने आया बड़ा सच

मामले ने तब सनसनीखेज मोड़ ले लिया, जब कुछ दिन पूर्व सीमित खाखा अपने गांव सीटोंगा लौट आया। परिजनों द्वारा इसकी सूचना सिटी कोतवाली जशपुर को दी गई। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में सीमित खाखा ने बताया कि वह पिछले कई महीनों से झारखंड के हजारीबाग क्षेत्र में मजदूरी कर रहा था और उसे इस पूरे घटनाक्रम की कोई जानकारी नहीं थी। इस खुलासे के बाद स्पष्ट हो गया कि जिसे मृत मानकर पूरा केस खड़ा किया गया, वह जीवित है।

आरोपियों की रिहाई की प्रक्रिया की गई शुरू

नई परिस्थितियों को देखते हुए पहले गिरफ्तार किए गए आरोपियों की रिहाई के लिए वैधानिक प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि तत्कालीन परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर की गई कार्रवाई नियमानुसार थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर पुलिस द्वारा विधिसम्मत कार्यवाही की गई थी। अब वास्तविक मृतक की पहचान के लिए विशेष टीम गठित कर जांच जारी है। सच्चाई सामने लाने के लिए हर पहलू पर गंभीरता से काम किया जा रहा है।