उसैद और पिनाहट घाट को जोडऩे वाला पुल बनने से दो राज्यों के बीच आसान होगा परिवहन, कम होगी 40 किमी की दूरी
मुरैना. मप्र के उसैद घाट और उत्तर प्रदेश के पिनाहट घाट को जोडऩे वाला बहुप्रतीक्षित चंबल नदी के पक्के पुल का निर्माण के लिए 17 पिलर तैयार हो चुके हैं। अब 18वें पिलर तक तेज गति से चल रहा है। उत्तर प्रदेश की सीमा में एप्रोच रोड के लिए भूमि अधिग्रहण में बाधा आने से निर्माण की गति अटक गई है। इस वजह से ये पुल जून 2026 तक पूरा हो सकेगा।
825 मीटर लंबे, 12 मीटर चौड़े इस पक्के पुल का निर्माण 157 करोड़ की लागत से हो रहा है। परियोजना से मप्र के मुरैना भिंड जिले के अलावा उप्र के पिनाहट, आगरा, फिरोजाबाद और राजस्थान के राजाखेड़ा से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
मप्र की सीमा में एप्रोच रोड के लिए भूमि उपलब्ध हो चुकी है और काम भी पूरा हो गया है, लेकिन यूपी की ओर करीब 350 मीटर लंबे एप्रोच रोड और दो पिलर के लिए जमीन अधिग्रहण न होने से काम रुका है।
यूपी की सीमा में पुल उतरने के लिए लगभग 1.3 हेक्टेयर निजी भूमि की आवश्यकता है। यह जमीन खेतों के बीच स्थित है, जिस पर 130 से अधिक किसानों के नाम दर्ज हैं। खसरे मिश्रित होने के कारण राजस्व प्रक्रिया जटिल हो गई और दो सालों से फाइलें एसडीएम बाह से लेकर एडीएम आगरा कार्यालय तक घूमती रहीं। हाल ही में आगरा प्रशासन ने धारा 11 (1) के तहत अधिसूचना जारी कर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत की है और किसानों से सहमति के लिए एक समिति का गठन किया है।
पुल बनने से धौलपुर और ङ्क्षभड होकर लगने वाला 100-150 किमी का अतिरिक्त चक्कर खत्म हो जाएगा। आगरा से अंबाह की दूरी लगभग 40 किमी कम हो जाएगी। इससे समय, ईंधन और परिवहन लागत की बचत होगी। वर्तमान में बरसात के दौरान अस्थायी पांटून पुल हटा दिया जाता है, जिससे महीनों तक आवागमन बाधित रहता है। पक्का पुल बनने से सालभर सुरक्षित यातायात संभव होगा।
वन विभाग से आवश्यक अनुमति मिलते ही उसैथ-पिनाहट चंबल नदी घाट पर पैंटून पुल निर्माण कार्य तेज गति से शुरू कर दिया गया है। कर्मचारियों के अनुसार यदि मौसम और जलस्तर अनुकूल रहा तो 25 दिसंबर की शाम तक पैंटून पुल को पूरी तरह जोड़ दिया जाएगा। पिनाहट चंबल घाट पर पैंटून पुल को जोडऩे का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मौके पर दो दर्जन से अधिक मजदूर लगातार काम में जुटे हुए हैं। पैंटून को जोडऩे के साथ ही पुल पर स्लीपर डालने का काम भी शुरू कर दिया गया है, जिससे निर्माण प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।