आधार फर्जीवाडा दमोह: प्रकरण सामने तो आईडी ऑपरेटर और ई-गवर्नेंस प्रबंधक पर कार्रवाई क्यों नहीं…
दमोह. जिले की आधार ऑपरेटर आईडी लोक सेवा केंद्र दमयंतीपुरम और ग्राम पंचायत गोलापटी का उपयोग आधा दर्जन राज्यों और दो दर्जन प्रदेश के जिलों में होना पाया गया है। जिस आधार पर अज्ञात पर प्रकरण दर्ज होने के विरुद्ध में लोग लगातार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। इधर, पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर आ रहे पोस्टों में प्रमुख बिंदुओं पर लोग सवाल कर रहे हैं। जिसमें लिखा जा रहा है कि प्रकरण सामने हैं तो आईडी ऑपरेट, ई गवर्नेंस प्रबंधक या लोक सेवा प्रबंधक पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। पुलिस २ मई से अब तक क्या कर रही है, इसकी एक रिपोर्ट भी साझा करने के सवाल सामने आ रहे हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत गोपापटी में जब आधार मशीन चली ही नहीं, तो इस फर्जीवाड़ा पर कलेक्टर ने ई-गवर्नेंस प्रबंधक पर क्या कार्रवाई की गई, इस पर भी सवाल किए जा रहे हैं। साथ ही आईडी ऑपरेटर और उनका संचालन करने वालों के नाम भी जारी करने के सवाल किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन सवालों के बीच भी पुलिस और प्रशासन द्वारा मामले में कोई खास रुचि नहीं दिखाई जा रही है।
क्या कहते है लोग
मैंने भी सात साल आधार का कार्य किया है। सएक ऑपरेटर या सुपरवाइजर की आईडी से ही उसकी पूरी जानकारी पता चल जाती है। ये कैसा सिस्टम है कि आईडी पता है पर एफआईआर अज्ञात पर हो रही है।
दीपक साहू, कम्प्यूटर जानकार
पत्रिका ने खबर खोजकर मामले को सामने लाया है, लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि इसमें प्रभावशाली सरकारी अधिकारी शामिल है। कलेक्टर मामले को सिर्फ संज्ञान में लेकर पत्राचार करते नजर आते है। परिणाम नहीं आते है।
राजू नामदेव, युवा विचारक
ऐसे गंभीर मामलों में पुलिस और प्रशासन को क्विक एक्शन लेना चाहिए, लेकिन कार्रवाई में हो रही देरी संदेह व्यक्त करती है। सब सेंटिंग और गड़बड़ के कारण इसी तरह मामले अटक जाते हैं। आधार एक गंभीर मामला, इस प्रकरण को जल्द पटाक्षेप करना चाहिए।
मनीष सोनी, युवा नेता
दमोह की आधार आईडी मप्र के कई जिलों के अलावा कई प्रदेशों में संचालित होना देश की सीमा से लगे घुसपैठ करने वालों को आधार कार्ड बनने में मदद मिली हो। यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है। क्या यह राष्ट्रद्रोह का मामला नहीं है? क्या इस विषय को भी ले-देकर दबा दिया जाएगा।
विवेक भारती, पार्षद