अब तक भाजपा, कांग्रेस सहित परिसीमन पर लग चुकी हैं 11 आपत्तियां
दमोह. नगरपालिका दमोह का परिसीमन भाजपा हो या कांग्रेस, किसी भी दल को रास नहीं आ रहा है। बिना कोई सामंजस्य के हुए वार्डों के विस्तार के बाद से लगातार आपत्तियां सामने आ रही हैं। भाजपा, कांग्रेस, ग्राम पंचायतों के बाद अब नगरपालिका अध्यक्ष ने भी एसडीएम के समक्ष अपनी आपत्ति प्रस्तुत की हैं।
नगरपालिका अध्यक्ष मंजू वीरेंद्र राय ने एसडीएम को दी गई आपत्ति में बताया कि वह नगर पालिका परिषद दमोह के वार्ड क्रमांक 23 पुराना बाजार नं. 2 से निर्वाचित पार्षद होकर वर्तमान में नगर पालिका परिषद दमोह के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित है। उनके वार्ड सहित संपूर्ण नगरीय क्षेत्र का प्रस्तावित परिसीमन संविधान के मूल सिद्धांतों, मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 व मध्य नगर पालिका वार्डों का विस्तार एवं सीमांकन नियम 1994 के प्रावधानों से अलग है। जिस पर आपत्तियां प्रस्तुत है।
आपत्ति में बताया गया है कि नियम अनुसार वार्ड परिसीमन का प्रारूप कलेक्टर द्वारा नामित राजस्व अधिकारी द्वारा तैयार किया जाना अनिवार्य है और नगर पालिका केवल आवश्यक आंकड़े व अभिलेख उपलब्ध कराने तक सीमित है, लेकिन मुख्य पालिका अधिकारी द्वारा स्वयं परिसीमन का प्रकाशन किया गया है, जो अधिकार क्षेत्र से परे, नियम विरुद्ध एवं विधि शून्य है।
दूसरा वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर लगभग 14 वर्ष पश्चात परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर लगभग 14 वर्ष पश्चात उन्हीं आंकड़ों के आधार पर परिसीमन किया जाना नियमों की मंशा के प्रतिकूल, मनमाना तथा प्रशासनिक विवेक के विपरीत है।
कलेक्टर गाइडलाइन आधारित वार्ड निर्धारण से विसंगति राजस्व विभाग द्वारा कलेक्टर गाइडलाइन के अंतर्गत भूमि मूल्य निर्धारण के लिए जिन वार्ड सीमाओं को आधार बनाया गया है, वे वर्तमान प्रस्तावित परिसीमन से भिन्न हैं। यह विसंगति परिसीमन प्रक्रिया में तथ्यात्मक सामंजस्य, एकरूपता एवं विधिक सत्यापन के अभाव को दर्शाती है। परिसीमन के सत्यापन में प्रक्रिया संबंधी गंभीर त्रुटियों प्रस्तावित परिसीमन में वार्ड नक्शों एवं सीमाओं का सत्यापन नियमों के अनुरूप किसी स्वतंत्र एवं सक्षम प्राधिकारी द्वारा नहीं किया गया है, जिससे परिसीमन की निष्पक्षता एवं वैधानिकता संदेह के घेरे में आती है।
जनसंख्या निर्धारण में असंगति एवं असंतुलन प्रस्तावित परिसीमन में वार्ड क्रमांक 23 की जनसंख्या अन्य वार्डों की तुलना में असमान व असंतुलित रूप से निर्धारित की गई है, जिससे समान प्रतिनिधित्व का संवैधानिक सिद्धांत प्रभावित होता है। भौगोलिक निरंतरता का अभाव पुराना बाजार नं. 2 के अंतर्गत सम्मिलित क्षेत्र आपस में भौगोलिक रूप से जुड़े हुए नहीं हैं तथा मध्यवर्ती क्षेत्रों को अन्य वार्डों में सम्मिलित कर दिया गया है, जिससे प्रशासनिक संचालन एवं नागरिक सुविधाओं के प्रदाय में गंभीर बाधा उत्पन्न होगी।
परंपरागत मोहल्लों का अनुचित विभाजन एक ही मोहल्ले एवं आवासीय क्षेत्रों को बिना किसी तार्किक, सामाजिक या प्रशासनिक औचित्य के विभाजित किया गया है, जिससे सामाजिक एकरूपता एवं प्रशासनिक सुगमता प्रभावित होती है। नागरिकों को प्रभावी जनसुनवाई एवं वास्तविक आपत्तियां प्रस्तुत करने का समुचित अवसर प्रदान नहीं किया गया है, जो स्पष्ट उल्लंघन है। इस तरह अन्य बिंदुओं सहित संपूर्ण नगरीय क्षेत्र के प्रस्तावित परिसीमन को तत्काल स्थगित किया जाए।