दमोह में पार्षद विक्रांत गुप्ता द्वारा दिया गया इस्तीफा किया स्वीकारए रिक्त हुआ वार्ड का पद
दमोह. दमोह नगरपालिका में एक बार फिर तय समय के पहले चुनाव की स्थिति बन गई है। यह इसीलिए हुआ है कि चुनाव में चयनित एक जनप्रतिनिधि ने इस्तीफा दे दिया है। जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्वीकार कर लिया है और इस तरह वार्ड कर पद रिक्त हो गया है। अब जल्द ही चुनाव दमोह में उक्त वार्ड में चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा।
दरअसलए नगरपालिका दमोह के मागंज वार्ड २ से पार्षद विक्रांत गुप्ता द्वारा कलेक्टर को सौंपे गए पार्षद पद के इस्तीफा को कलेक्टर ने स्वीकार कर लिया है। साथ ही उक्त वार्ड को पार्षद पद के लिए रिक्त घोषित कर दिया गया है। कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि पार्षद का इस्तीफा प्राप्त होने के बाद अब इसे स्वीकार कर लिया है। उन्होंने उक्त वार्ड में पार्षद पद रिक्त घोषित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को इसकी प्रति भी भेजी गई हैए जहां से चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
नगरपालिका दमोह के मागंज वार्ड २ से भाजपा पार्षद विक्रांत गुप्ता ने पार्षद पद से इस्तीफा पत्र एक दिन पहले कलेक्टर को सौंप था। इसमें उन्होंने निजी अधिकार और विभिन्न कारणों से यह कदम उठाना बताया था।। साथ ही प्रेस मीट कर संगठन व स्थानीय विधायक के पुत्र व कुछ भाजपा पार्षदों को भी इसका कारण बताया था। इस बीच पार्टी जिलाध्यक्ष श्याम शिवहरे ने भी गुप्ता से बात कर मनाने का प्रयास कियाए लेकिन वह नहीं माने थे।
प्रेस से चर्चा करते हुए विक्रांत गुप्ता ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता विधायक जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया ने नगरीय निकाय चुनाव के समय पार्टी विरोधी काम किया और खुद का संगठन बनाकर भाजपा संगठन को तोडऩे का काम किया। वह पार्टी से नगरपालिका अध्यक्ष पद के दावेदार थेए लेकिन इस दौरान भी भाजपा के ६ पार्षदों ने कांग्रेस के पक्ष में वोट किया। इतने सब के बाद भी पार्टी ने ऐसे लोगों को वापस ले लिया है।
कुछ तो संगठन में महत्वपूर्ण पद भी दे दिए हैं। जबकि उनके द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के संबंध में लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओंए स्थानीय संगठन को पत्र व्यवहार करते हुए कार्रवाई की मांग की गईए लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब वही लोग भाजपा में पुनरू सक्रिय हो गए हैं। गुप्ता ने कहा कि यह कड़वापन उनके अंदर बीते ढाई वर्ष से है। जनता की वोट से पार्षद बना थाए इसीलिए इतना समय लगा है। अब आगे पार्षद नहीं रहते हुए जनसेवा करूंगा। गुप्ता ने कहा कि मैं संघ और भाजपा का कार्यकर्ता हूंए जो रहूंगाए यह पार्टी से इस्तीफा नहीं है।
. इन कारणों पर भी चर्चा
. नगरपालिका अध्यक्ष पद के बाद नेता प्रतिपक्ष पद से भी किया गया विमुख।
. संगठन के विस्तार में कनिष्ठों और सम कार्यकर्ताओं को बड़े पदए गुप्ता को किया नजरंदाज।
. जिन पार्षदों पर गुप्ता के आरोपए उन्हें पार्टी में अधिक तबज्जो।
. संगठन में फेस की राजनीतिए गुप्ता का एक फेस का खास होना।
. विधायक जयंत मलैया का विरोधी होना।