shivling damoh मध्यप्रदेश के दमोह में खुदाई में शिवलिंग और जलहरी निकले हैं। इससे पहले नागदेवता के कई पत्थर भी मिले।
मध्यप्रदेश के दमोह में खुदाई में शिवलिंग और जलहरी निकले हैं। इससे पहले नागदेवता के कई पत्थर भी मिले। दमोह के दोनी गांव में सास बहू की बहर से प्राचीन शिव लिंग निकले और अब लोहे की तरह दिख रही जलहरी भी मिली है। दोनी गांव में सास बहू के नाम की प्राचीन बहर के जीर्णोद्धार के दौरान शिवलिंग और जलहरी निकली है। जीर्णोद्धार का काम पुरातत्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। पहले नागदेवता के पत्थर, फिर शिवलिंग और जलहरी मिलने के बाद यहां दर्शन करने आनेवालों का तांता लग गया है। गांववालों ने अब यहां एक भव्य शिव मंदिर बनवाने का भी फैसला किया है।
दमोह के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के दोनी गांव में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। यहीं सास बहू के नाम से एक प्राचीन बहर है, जिसका जीर्णोद्धार चल रहा है। यहीं खुदाई के दौरान एक शिवलिंग और जलहरी निकली है, जोकि काफी आकर्षक है। जलहरी पत्थर की है लेकिन लोहे की तरह दिखाई दे रही है। इसी तरह शिवलिंग भी अनूठा है। बहर के जीर्णोद्धार का काम कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देश पर किया जा रहा है।
गांववाले बताते हैं कि जीर्णोद्धार का काम शुरु होते ही यहां नित नए नजारे सामने आ रहे हैं। खुदाई में यहां बड़ी संख्या में सर्प निकले और इसके बाद नागदेवता बने पत्थर भी निकले थे। दोनी गांव में सास बहू की बहर आजू बाजू बनी हैं। सास की बहर बन चुकी है जबकि बहू की बहर का जीर्णोद्धार का काम अभी चल रहा है। इसी बहर में पहले शिवलिंग मिले और इसके तीन दिन बाद जलहरी मिली।
पाठादो ग्राम पंचायत के सरपंच गोपाल सिंह ठाकुर के अनुसार बहू की बहर के जीर्णोद्धार के दौरान शिवलिंग और जलहरी मिली है। इन्हें अभी दोनी मंदिर में रखा गया है। तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने जीर्णोद्धार में बहू की बहर में शिवलिंग मिलने की पुष्टि की। सैकड़ों वर्ष पुराने शिवलिंग और जलहरी मिलने की खबर लगते ही लोग यहां दर्शन करने आ रहे हैं।
सरपंच गोपालसिंह ठाकुर बताते हैं कि यहां एक शिव मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर बनने के बाद शिवलिंग को यहीं स्थापित कर दिया जाएगा।