MP News- मध्य प्रदेश के दतिया में पति खुद खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर थाने पहुंच गया। उसने आत्मसमर्पण कर दिया और कहा कि उसने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी है। सेशन कोर्ट ने आरोपी को अनोखी सजा दी है।
MP News-दतिया में पत्नी और उसके प्रेमी की बेरहमी से हत्या करने वाले आरोपी पति को न्यायालय ने दोहरी उम्रकैद (double life imprisonment) की सजा सुनाई है। यह फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश उत्सव चतुर्वेदी की अदालत से बुधवार को सुनाया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 17 गवाहों के बयान, फॉरेंसिक रिपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिन्हें अदालत ने अपराध साबित करने के लिए पर्याप्त माना।
घटना 19 जुलाई 2024 की है, जब आरोपी रवि वंशकार खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर सिविल लाइन थाने पहुंचा और थाने में उपस्थित पुलिस अधिकारियों को बताया कि उसने अपनी पत्नी पूजा वंशकार और एक युवक रवि वंशकार निवासी बरोठा की हत्या कर दी है। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी सुनील बनोरिया टीम के साथ खाती बाबा कॉलोनी दम्मू का बाग पहुंचे, जहां आंगन में पूजा वंशकार का शव पड़ा हुआ मिला, जबकि युवक गंभीर रूप से घायल अवस्था में जमीन पर पड़ा था। युवक को तत्काल जिला चिकित्सालय भिजवाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जांच में सामने आया कि आरोपी रवि को अपनी पत्नी पर लंबे समय से अवैध संबंधों का शक था। घटना वाले दिन आरोपी जब सब्जी लेने की बात कहकर घर से निकला और कुछ देर बाद वापस लौटा तो उसने कमरे का गेट अंदर से बंद पाया। लगातार खटखटाने के बाद भी गेट नहीं खुला तो आरोपी ने शक के आधार पर कुल्हाड़ी उठा ली। थोड़ी देर बाद जब गेट खुला तो अंदर अपनी पत्नी को संदिग्ध हालत में युवक के साथ देख आरोपी गुस्से से बेकाबू हो गया और कुल्हाड़ी से दोनों पर अंधाधुंध वार कर दिए।
मामले में पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर विवेचना की और साक्ष्य एकत्र कर अदालत में चालान प्रस्तुत किया। सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक राजेश पस्तोर ने गवाहों के बयान और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी सिद्ध करने में सफलता प्राप्त की। अदालत ने गंभीरता से सभी तथ्यों पर विचार कर आरोपी रवि वंशकार को पत्नी और उसके प्रेमी की हत्या का दोषी करार देते हुए दोहरा आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि यह फैसला समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि व्यक्तिगत गुस्से और संबंधों की खींचतान के चलते अपराध की राह पर चलने वालों को कानून किसी भी हाल में बख्शता नहीं है। अदालत का यह निर्णय न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाने वाला है बल्कि ऐसे मामलों में समाज के लिए भी एक नज़ीर बनेगा