police station in-charge tourting tribals: एमपी के दतिया में आदिवासियों ने थाना प्रभारी पर एफआईआर दर्ज न करने, धमकाने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। पुलिस अधीक्षक ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया।
police station in-charge tourting tribals: दतिया के उन्नाव के आदिवासियों ने थाना प्रभारी पर शनिवार को पुरानी कलेक्ट्रेट में एसपी के सामने गंभीर आरोप लगाए। साथ ही इस दौरान थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग भी रखी। उधर एसपी ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि वह किसी भी महिला और पुरुष के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। उधर थाना प्रभारी ने सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जो लोग आदिवासियों को लेकर आए थे, उनके गोरखधंधे नहीं चल पा रहे थे। इसलिए उन्होंने यह षणयंत्र रचा है।
उन्नाव की विद्या आदिवासी ने नवागत पुलिस अधीक्षक सूरज वर्मा के सामने बुधवार को रोते हुए कहा कि उसके भाई बालकिशन का 28 मई को सड़क दुर्घटना में बस की टक्कर घायल हो गया था। बस का नंबर देने के बाद भी थाना प्रभारी ने आज तक मामला दर्ज नहीं किया है। उधर बस संचालक उन्हें धमकी दे रहा है। साथ ही इलाज न कराने की बात कर रहा है।
पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। वहीं दूसरी ओ परासरी गांव के बबलू आदिवासी ने भी पुलिस अधीक्षक के सामने थाना प्रभारी भास्कर शर्मा पर एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि वह मोटर साइकिल से दतिया बालकिशन के साथ मजदूरी करने जा रहे थे। तभी एमपी 07 सीजी 5200 ने टक्कर मार दी। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हुए थे। वह छह दिनों से थाने का चक्कर लगा रहे है, उसके बाद भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।
थाना प्रभारी भास्कर शर्मा ने कहा कि उनके खिलाफ आज जो शिकायती आवेदन दिया गया है, वह षणयंत्र पूर्वक दिया गया है। कमलेश आदिवासी का एक वीडियो वायरल पिछले दिनों हुआ था। उसमें वह कुछ डांसरों के साथ लाइसेंसी बंदूक के साथ कर रहे थे। उनकी बंदूक महिला डांसर के पास वीडियों में दिख रही थी। उसके बाद उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। यह शराब का अवैध विक्रय का काम भी करते थे, जो मैंने चलने नहीं दिया था। वही राजीव पटेल के आरोप भी निराधार है। इनके बारे में जुआ खिलवाने की शिकायते पूर्व में आई है।
कमलेश आदिवासी ने पुलिस अधीक्षक के सामने कहा कि उन्नाव थाना प्रभारी बेकसूरों पर कार्रवाई करते है। इस दौरान छोटे नेता फोन करके कहते हैं कि अगर पकड़ा हुआ व्यक्ति 300 रुपए देता है, तो उसमें फट्टे मारो। 500 रुपए देने के बाद ही उसे छोड़ दो।