रामगढ़ पचवारा उपखंड के सिसोदिया गांव में शुक्रवार सुबह बिजली निगम की विजिलेंस टीम के पहुंचने पर जमकर हंगामा हो गया। ग्रामीणों की सूचना पर विधायक रामबिलास मीना भी मौके पर पहुंचे।
लालसोट (दौसा)। रामगढ़ पचवारा उपखंड के सिसोदिया गांव में शुक्रवार सुबह बिजली निगम की विजिलेंस टीम के पहुंचने पर जमकर हंगामा हो गया। ग्रामीणों की सूचना पर विधायक रामबिलास मीना भी मौके पर पहुंच गए। इस दौरान विधायक रामबिलास मीना ने ग्रामीणों से वीसीआर भरने वाले को पकड़कर बैठाने, गाड़ी की हवा निकालने एवं पेड़ से बांधने की बात कह दी।
घटना के वायरल वीडियो में ग्रामीणों से विधायक कह रहे हैं कि लालसोट विधानसभा क्षेत्र में कोई वीसीआर भरने वाला आता है तो डरने की कोई बात नहीं है। वीसीआर के नाम पर उगाही करता है तो उसे पकड़कर बैठाओ। गाड़ी के टायरों की हवा निकाल दो। मुझे फोन करो, 10 मिनट में पहुंच जाऊंगा।
अधिकारी ज्यादा बदमाशी करे तो किसी पेड़ से बांध देना, जो होगा वह देखा जाएगा। अगर वे जयपुर में भी होंगे तो एक घंटे में पहुंच जाएंगे। विधायक ने ग्रामीणों से कहा कि क्यों डरते हो, ये चार लोग होते हैं, तुम चार सौ लोग हो। इन्हें पकड़ लिया करो, बांध दिया करो, भागने नहीं देना। लालसोट विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की फर्जी वीसीआर की कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी।
दरअसल, सिसोदिया गांव में ग्रामीणों ने अवैध वसूली के आरोप लगाते हुए निगम के दस्ते को बैठा लिया और उनके वाहन की हवा निकाल दी। विधायक रामबिलास मीना ने बताया कि उन्होंने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि वीसीआर के नाम पर किसी भी तरह की अवैध वसूली नहीं करने दी जाएगी।
इसके बाद उन्होंने मौके से निगम के कार्मिकों को भेज दिया। विधायक ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में विद्युत निगम या किसी भी अन्य विभाग का अधिकारी व कर्मचारी हो, आमजन को नाजायज रूप से परेशान नहीं करेगा। प्रदेश सरकार की भी यह स्पष्ट मंशा है कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा।
वहीं विद्युत निगम के एसई एमएल मीना ने बताया कि विजिलेंस टीम विद्युत चोरी पकड़ने के लिए गई थी, इस दौरान विधायक भी पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में चोरी को नहीं पकड़ोगे, अगर कोई बिजली चोरी करेगा तो उसको पकड़ने का हमारा काम है। विधायक ने काम करने से रोक दिया तो टीम वापस आ गई। विजिलेंस टीम पर वसूली के आरोपों को लेकर एसई ने कहा कि उन्हें पूरे तथ्यों के साथ लिखित शिकायत दें। तथ्य सही मिले तो एक मिनट में दोषी कार्मिक को सस्पेंड कर दिया जाएगा।