दौसा

दौसा में नए सिरे से हुआ वार्डों का गठन, गजट नोटिफिकेशन जारी; बदलेंगे राजनीतिक समीकरण

Dausa Nagar Parishad: दौसा शहर में वार्डों की संख्या तो पिछले चुनाव की तरह जस की तस 55 ही है, लेकिन अधिकतर वार्डों का नंबर और क्षेत्र बदल गया है।

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Sep 27, 2025
नगर परिषद दौसा। फोटो: पत्रिका

दौसा। नगर परिषद क्षेत्र दौसा के वार्ड गठन का गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया। इसमें शहर में वार्डों की संख्या तो पिछले चुनाव की तरह जस की तस 55 ही है, लेकिन अधिकतर वार्डों का नंबर और क्षेत्र बदल गया है। इससे शहरी क्षेत्र के नेताओं की राजनीतिक जमीन खिसक गई है। सभापति कल्पना जैमन से लेकर पूर्व सभापति ममता चौधरी सहित अधिकतर पार्षदों के क्षेत्र में बदलाव हुआ है। ऐसे में आगामी निकाय चुनाव में शहर में राजनीतिक समीकरण बदलेंगे।

इस वर्ष अप्रेल में आसपास के एक दर्जन गांव जुड़ने के बाद वार्डों के नए प्रारूप का प्रकाशन कर आपत्तियां ली गई थी। इसके बाद सरकार ने गांवों को हटा लिया तो वापस नए सिरे से एक्सरसाइज की गई। वार्डों की संया का आधार वर्ष 2011 की जनसंख्या को माना गया है। इसके तहत दौसा की जनसंख्या 97 हजार 379 है और 80 हजार से 1 लाख तक आबादी पर 55 वार्डों का नियम सरकार ने बनाया था।

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इसके चलते दौसा में वार्डों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है। गांवों को हटाने के बाद भी अधिकतर वार्डों का नक्शा बदल गया है। किसी वार्ड से हटाकर कोई एरिया दूसरे वार्ड में डाल दिया गया है तो अधिकतर के नंबर भी बदल गए हैं। यह बदलाव नेताओं के गले नहीं उतर रहा है, क्योंकि जब वार्डों की संया उतनी ही है तो एरिया में बदलाव क्यों किया गया है।

वार्डों के बदलाव से शहरी क्षेत्र में राजनीतिक करने वाले कई नेताओं की सालों से तैयार जमीन खिसक गई है, अब उन्हें कुए नए और कुछ पुराने क्षेत्र को मिलाकर बने नए वार्ड में पैठ बनानी होगी। वहीं जातिगत आधार पर भी कई वार्डों में समीकरण बदले हैं, ऐसे में राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। साथ ही आगामी तीन-चार माह बाद प्रस्तावित चुनाव रोचक होने के आसार हैं।

जहां विकास कार्य कराए, अब वो दूसरे वार्ड में गए

पार्षदों को नए क्षेत्र में मतदाताओं को लुभाने के प्रयास करने होंगे। अधिकतर पार्षदों ने पांच साल में अपने-अपने वार्डों में विकास कार्य कराए थे, उनमें से 30 से 50 प्रतिशत तक का हिस्सा अब दूसरे वार्ड में चला गया है। ऐसे में उनके कार्य के बदले वोट उन्हें नहीं मिल पाएगा। इसी तरह पार्षद बनने के इच्छुक दावेदार भी जिन एरिया में वोटर्स को लुभाने में लगे थे, वो अब बदल गए हैं। ऐसे में अब नए सिरे से मेहनत कर जमीन बनानी होगी। वहीं नए परिसीमांकन में कई वार्ड तो बहुत लंबे व अजीबो-गरीब बना दिए हैं। कई वार्डों में एरिया को लंबा कर दिया गया है। कई जगह आमने सामने के घर अलग-अलग वार्ड में चले गए हैं, जो पहले एक वार्ड में थे।

इस तरह विभक्त किया शहर

नगर परिषद ने वार्डों का जो नया प्रारूप बनाया है, उसमें एक से 13 तक वार्ड में सैंथल मोड़, जयपुर बायपास, गुप्तेश्वर रोड स्टेडियम के आसपास, ओवरब्रिज के नीचे, सिविल लाइन, गोलछा फैक्ट्री तक का क्षेत्र है। 14 से 21 तक गांधी तिराहा, मानगंज, मंडी रोड, दुर्गा मंदिर, मेला मैदान, बिचलेश्वर महादेव मंदिर, खादी बाग, संस्कृत कॉलेज, जिला अस्पताल के आसपास का क्षेत्र शामिल है।

22 से 30 तक के वार्डों में लालसोट रोड के दोनों तरफ बसी कॉलोनियां शामिल हैं। 31 से 35 तक रेलवे स्टेशन से महेश्वरा रोड तक का क्षेत्र लिया गया है। 36 से 46 तक पीजी कॉलेज से पुराने शहर पहाड़ तलहटी तक का पूरा क्षेत्र शामिल किया गया है। 47 से 55 तक आगरा रोड पर पीजी कॉलेज से आगे का क्षेत्र, सोमनाथ सर्किल, हरियाणा ब्राह्मण छात्रावास, गणेशपुरा, आगरा हाईवे, डेयरी, भांकरी रोड क्षेत्र शामिल किया है।

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