Doctor Death: दिल्ली पुलिस ने कुख्यात सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ को राजस्थान के दौसा जिले से गिरफ्तार किया है। 50 से अधिक हत्याओं का यह आरोपी अगस्त 2023 में पैरोल पर बाहर आकर फरार हो गया था। वह एक आश्रम में पुजारी बनकर छिपा था।
Doctor Death: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुख्यात सीरियल किलर डॉक्टर डेथ उर्फ देवेंद्र शर्मा को एक बार फिर हिरासत में ले लिया है। आयुर्वेदिक डॉक्टर से अपराधी बने इस शातिर ने साल 2002 से 2004 के बीच कई टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों की हत्या की थी। तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा यह अपराधी 2023 में पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था। दो साल की फरारी के बाद राजस्थान के दौसा में एक आश्रम में पुजारी बनकर छिपे इस अपराधी को आखिरकार पुलिस ने धर दबोचा है।
देवेंद्र शर्मा, जो डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात है। उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले का रहने वाला है। उसने साल 1984 में बिहार से बीएएमएस (आयुर्वेदिक मेडिसिन) की डिग्री हासिल की थी और राजस्थान के बांदीकुई (दौसा) में जनता क्लिनिक चलाता था। लेकिन साल 1994 में एक गैस डीलरशिप घोटाले में 11 लाख रुपये का नुकसान होने के बाद उसने अपराध की राह चुन ली। उसने नकली गैस एजेंसी चलाने से लेकर अवैध किडनी रैकेट और सीरियल किलिंग तक के जघन्य अपराधों को अंजाम दिया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, डॉक्टर डेथ पर 50 से अधिक हत्या का आरोप है। इनमें से अब तक आठ मामलों में यह दोषी भी साबित हो चुका है। इनमें भी सात मामलों में इसे उम्रकैद हुई है, जबकि हरियाणा के गुरुग्राम में हुए मर्डर के एक मामले में इसे फांसी की सजा हुई है। इन्हीं मामलों में यह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद था। अगस्त 2023 में यह पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर आया था और फरार हो गया था। इससे पहले वह साल 2020 में भी पैरोल पर बाहर आकर फरार हुआ था और सात महीने बाद पकड़ा गया।
देवेंद्र शर्मा अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में भी शामिल था। साल 1994 से 2004 के बीच उसने गुरुग्राम के डॉक्टर अमित के साथ मिलकर 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट करवाए। उसने कबूल किया था कि प्रत्येक ट्रांसप्लांट के लिए उसे पांच से सात लाख रुपये मिलते थे। इस रैकेट के लिए वह किडनी डोनर्स की व्यवस्था करता था। साल 2004 में गुरुग्राम पुलिस ने उसे इस मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
देवेंद्र शर्मा के अपराध का तरीका बेहद क्रूर था। वह अपने साथियों के साथ मिलकर टैक्सी और ट्रक ड्राइवर्स को फर्जी ट्रिप के बहाने बुलाता था। इसके बाद उनकी हत्या कर गाड़ियों को ग्रे मार्केट में बेच देता था। सबूत मिटाने के लिए वह शवों को कासगंज की हजारा नहर में फेंक देता था, जहां मगरमच्छों की मौजूदगी के कारण कोई निशान नहीं बचता था। पुलिस के अनुसार, उसने 100 से अधिक हत्याओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी। हालांकि, सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हो सकी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस बदमाश को हत्या की सनक सवार थी। इसके लिए वह खासतौर पर टैक्सी चालकों को निशाना बनाता था। वह टैक्सी बुक करता और फिर ड्राइवर की हत्या करने के बाद उसके शव को उत्तर प्रदेश के कासगंज में मगरमच्छों के लिए मशहूर हजारा नहर में डाल देता था। वहां पलक झपकते मगरमच्छ शवों को खा जाते थे, इसलिए आरोपी के खिलाफ पुलिस को सुराग नहीं मिल पाता। वहीं, टैक्सियों को ब्लैक मार्केट में बेच देता था।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की आरके पुरम यूनिट ने लंबी जांच के बाद देवेंद्र को पकड़ा है। पुलिस ने पहले उसका शिष्य बनकर उसकी लोकेशन की पुष्टि की और फिर सही समय पर उसे हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अपने अपराध कबूल किए और बताया कि उसने जेल वापस न जाने की योजना बनाई थी। डीसीपी गौतम ने बताया, डॉ. और उसके साथी फर्जी ट्रिप के लिए ड्राइवरों को बुलाते थे, उनकी हत्या करते थे और उनके वाहनों को ग्रे मार्केट में बेच देते थे।
अगस्त 2024 में पैरोल जंप करने के बाद देवेंद्र शर्मा ने धर्म का चोला ओढ़ लिया था। वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर फरारी काटने लगा। इधर, दिल्ली पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रैस करने और उसे पकड़ने के लिए आधा दर्जन से अधिक टीमें बना दीं। इन टीमों ने बड़ी मुश्किल से उसकी लोकेशन को ट्रैक किया और उसे पकड़ने के लिए दौसा के आश्रम में पहुंची। इस दौरान आरोपी आश्रम में धार्मिक प्रवचन करता मिला, पुलिस ने उसी हाल में उसे दबोच लिया है।