देहरादून

सावधान! प्रदूषण के साथ घातक बैक्टीरिया कर रहा हमला : नाक बंद, साइनस में सूजन, करानी पड़ रही सर्जरी

Illness From Pollution:बढ़ते प्रदूषण के साथ फैल रहा घातक बैक्टीरिया युवाओं को चपेट में ले रहा है। इससे नाक बंद होने और साइनस में सूजन जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। घातक बैक्टीरिया की चपेट में आए 23 फीसद युवाओं को नाक की सर्जरी करानी पड़ी है। एक शोध में इसका सनसनीखेज खुलासा होने से हड़कंप मचा हुआ है।

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Dec 18, 2025
एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो

Illness From Pollution:दिल्ली से लेकर तमाम शहरों तक इन दिनों प्रदूषण गंभीर समस्या बनता जा रहा है। इधर, देहरादून में बढ़ता प्रदूषण खतनाक साबित होने लगा है। प्रदूषण और एलर्जी की वजह से युवाओं को नाक और साइनस की गंभीर बीमारी क्रॉनिक राइनो साइनोसाइटिस जकड़ रही है। नाक बंद, साइनस में सूजन और चारों तरफ बलगम जमा होने से युवा बेहाल हैं। दून मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग की पीजी चिकित्सक डॉ. आशना पंत के हालिया शोध में यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। शोध में क्रॉनिक राइनो साइनोसाइटिस की जद में आने वाले 18 से 60 वर्ष के 162 मरीजों की कई तरह की जांच की गई। जांच में पाया गया कि 18-30 साल के युवा सबसे अधिक इस बीमारी से ग्रसित हैं। सिनोनेजल कैविटी (नाक और साइनस) की बीमारियों, उनकी गंभीरता और कारणों पर सितंबर 2023 से फरवरी 2025 तक गाइड एचओडी डॉ. भावना पंत, को गाइड डॉ. निधि नेगी, डॉ. नितिन शर्मा, डॉ. सुनीता सिंह के निर्देशन में यह शोध किया।

23% की करनी पड़ी सर्जरी

प्रदूषण के साथ फैल रहे खतनाक बैक्टीरिया की चपेट में युवा आ रहे हैं। डॉ. आशना के मुताबिक नाक बहने, नाक बंद होना, छींकें आना और चेहरे पर भारीपन के लक्षणों वाले मरीजों की एंडोस्कॉपी जांच में इस बीमारी की पुष्टि हुई। एंटीबॉयोटिक समेत अन्य दवाओं से 77 फीसदी मरीजों का इलाज हुआ। 23 फीसदी की दूरबीन वाली सर्जरी करनी पड़ी। मरीजों की नाक के नमूनों की माइक्रोबॉयोलॉजी जांच कराई गई तो 60 फीसदी में बैक्टीरिया बढ़े मिले। सबसे ज्यादा स्टेफिलोकोकस एपिडर्मिडिस (29%) और स्टेफिलोकोकस ओरियस (19%) बैक्टीरिया मिले, जो बेहद घातक हैं।

साढ़े तीन सौ पहुंचा एक्यूआई

देहरादून में प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है। दून में अधिकतम एक्यूआई 350 तक पहुंच गया है, जबकि औसत एक्यूआई 294 हो गया है। इससे विशेषज्ञों और आम लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। दून में मंगलवार को अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 के पार पहुंच गया था। जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। जबकि मंगलवार को औसत एक्यूआई 207 था। जो लगातार दूसरे दिन काफी बढ़ गया। वहीं दून विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विजय श्रीधर ने रात को अचानक ठंड बढ़ने और हवा कम होने से एक्यूआई बढ़ रहा है। वहीं राजधानी के साथ-साथ राज्य के अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को काशीपुर में एक्यूआई 128 से बढ़कर 150 हो गया। जो कि सोमवार को 98 था।

Updated on:
18 Dec 2025 01:25 pm
Published on:
18 Dec 2025 01:23 pm
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