Recruitment Canceled:प्रधानाचार्य के 692 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया को सरकार ने फिलहाल के लिए निरस्त कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा सचिव ने लोक सेवा आयोग को पिछले साल भेजा गया अधियाचन वापस ले लिया है। राज्य में प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती को लेकर शिक्षक दोफाड़ चल रहे हैं।
Recruitment Canceled:प्रधानाचार्य के 692 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है। दरअसल, उत्तराखंड के सरकारी इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य के लंबे समय से रिक्त 1385 पदों में 692 पदों को सरकार ने वर्ष 2022 में विभागीय सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया था। पहले इसमें केवल हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक पद पर दो साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षक और 10 साल की सेवा पूरी कर चुके प्रवक्ताओं को शामिल किया था। राजकीय शिक्षक संघ ने तब भी इसका विरोध करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया था। शिक्षकों के विरोध को देखते हुए सरकार ने 29 सितंबर 2024 को लोक सेवा आयोग से होने जा रही चयन परीक्षा स्थगित कर दी थी। बाद में नियमावली को संशोधित कर एलटी कैडर के शिक्षकों को आवेदन के लिए पात्र मान लिया गया लेकिन शिक्षक इससे सहमत नहीं हुए। आगामी एक नवंबर शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के आवास का घेराव करने का ऐलान भी किया है। इसी बीच गुरुवार को सरकार ने प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस संबंध में लोक सेवा आयोग को पिछले साल भेजा गया अधियाचन वापस मांग लिया है। अधियाचन वापस मांगने के पीछे शिक्षकों के विरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट के हाल ही मे दिए गए उस फैसले को भी वजह बताया जा रहा है, जिसमें एलटी शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद 15 अक्तूबर को भी सचिव ने लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा था। इधर, अब सरकार ने प्रधानाचार्य भर्ती को निरस्त कर दिया है।
पिछले सितंबर 2024 में भी सरकार ने इस भर्ती को बीच में ही रुकवा दिया था। इस बार भर्ती नियमावली मंजूर होने के बाद दोबारा भर्ती शुरू करने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग से अनुरोध किया था। इस भर्ती के लिए आयोग ने दोबारा आवेदन मांगते हुए परीक्षा का कार्यक्रम भी तय कर दिया था। इसके अनुसार, भर्ती परीक्षा अगले साल फरवरी में प्रस्तावित थी। शिक्षा सचिव ने गुरुवार को आयोग को दोबारा भेजे गए पत्र में कहा कि यह विषय अभी सरकार के विचाराधीन है। ऐसे में पूर्व में इन पदों पर भर्ती के लिए भेजा गया अधियाचन वापस कर दिया जाए। इस भर्ती के संबंध में सरकार भविष्य में जो भी निर्णय लेगी, उससे आयोग को अवगत करा दिया जाएगा। इसके साथ ही भर्ती पर लंबे समय से जारी ऊहापोह भी खत्म हो गई है।