'सर, बेटा मुझे घर से निकाल रहा है।' देहरादून में जनता दर्शन के दौरान मां ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई। जानें कैसे बेटे ने मां की संपत्ति धोखे से अपने नाम करा ली।
"सर! मेरा बेटा मुझे और मेरी बेटी को घर से निकाल रहा है। मेरी हालत बहुत खराब है। मैं अपनी बेटी के साथ एक जीर्ण-शीर्ण (खस्ताहाल) मकान में रह रही हूं। आय का कोई साधन नहीं है और बीमार भी रहती हैं।" यह शिकायत चुक्खूवाला की रहने वाली बुजुर्ग महिला सुशीला देवी ने जनता दर्शन में डीएम से की।
डीएम ने तुरंत इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अपर जिलाधिकारी को आपदा राहत कोष से मदद देने, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को महिला के उपचार की व्यवस्था करने और समाज कल्याण अधिकारी को पेंशन शुरू करने के निर्देश दिए।
यह अकेला मामला नहीं था। जनता दर्शन में इसी तरह के कई शिकायतें सामने आईं। कांसवाली की रहने वाली एक और महिला शिव देवी ने भी अपने बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने धोखे से अंगूठा लगवाकर उनकी सारी संपत्ति अपने नाम कर ली है और अब वह उन्हें घर से बेदखल कर रहा है। जिलाधिकारी ने इस मामले में भी तहसीलदार विकासनगर को तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
जनता दर्शन कार्यक्रम में कुल 150 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से अधिकांश मामले भूमि विवाद और पारिवारिक कलह से जुड़े थे। कुछ अन्य शिकायतें नगर निगम, एमडीडीए, लोक निर्माण विभाग, जिला पंचायत, पुलिस और वन विभाग से संबंधित थीं।
प्रेमनगर निवासी भरत सिंह बुटोला ने बताया कि उन्होंने 2012 में एक जमीन खरीदी थी, लेकिन उन्हें अभी तक कब्जा नहीं मिला है। डोईवाला निवासी कलम सिंह कृषाली ने भी अपने बेटे द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की। डीएम ने इन सभी मामलों पर संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।