उत्तराखंड में हुए तीन अलग-अलग हादसों ने पांच जिंदगियां लील ली हैं। इनमें से तीन लोगों के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि दो की तलाश अभी भी जारी है।
हाथरस के 26 वर्षीय पिंटू और 25 वर्षीय लक्ष्मी ऋषिकेश के चंद्रेश्वरनगर में किराए के मकान में रहते थे। शुक्रवार शाम को वे त्रिवेणीघाट से चंद्रेश्वरनगर लौट रहे थे। रास्ते में बरसाती नदी चंद्रभागा-गंगा का जलस्तर कम होने की वजह से वह पैदल पार करने लगे। इसी दौरान लक्ष्मी का पैर फिसल गया और वह पानी में डूबने लगी। लक्ष्मी को बचाने के लिए पिंटू ने भी नदी में छलांग लगा दी, लेकिन वह भी तेज बहाव की चपेट में आ गया। शुक्रवार और शनिवार को एसडीआरएफ की टीमों ने घंटों तलाशी अभियान चलाया, लेकिन दोनों का पता नहीं चल पाया है।
लालढांग के कांगड़ी (श्यामपुर) निवासी 32 वर्षीय ऊदल शुक्रवार देर शाम अपने दोस्तों के साथ रील बनाने के लिए निकले थे। रवासन नदी के किनारे रील बनाते समय अचानक उनका पैर फिसला और वह नदी की तेज धारा में बह गए। पुलिस ने शनिवार को तलाशी उनका शव बरामद कर लिया।
वहीं, बाजपुर से भी एक और दुखद हादसा सामने आया है। यहां 45 वर्षीय अकील अहमद अपने 17 वर्षीय बेटे कामिल के साथ शुक्रवार सुबह खेत से लकड़ी काटने जा रहे थे। खेत नदी के किनारे था और वहां काफी कीचड़ थी। इसी कीचड़ में फिसलकर दोनों घोघा नदी में जा गिरे। अकील का शव उसी दिन बरामद हो गया, जबकि उनके बेटे कामिल का शव शनिवार देर शाम घोघा नदी में काफी आगे मिला।