Mobile Harm Effect : बच्चों के लिए मोबाइल का इस्तेमाल कितना घातक है, इसका उदाहरण देवास में देखने को मिला। यहां एक 15 वर्षीय बच्चे ने यूट्यूब पर बारूद से चलने वाली पटाखे की बंदूक बनाना सीखा। फिर वही बंदूक ने बच्चे की जान ले ली।
Mobile Harm Effect : बच्चों के लिए मोबाइल का इस्तेमाल कितना घातक है, इसका एक उदाहरण मध्य प्रदेश के देवास जिले में देखने को मिला। यहां एक 15 साल के बच्चे ने पहले तो यूट्यूब के जरिए बारूद से चलने वाली पटाखे की बंदूक बनाना सीखा। यही नहीं, फिर उसी बंदूक ने बच्चे की जान ले ली। इस बात का खुलासा बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है।
दरअसल, ग्राम सीवनपानी में रहने वाले 15 वर्षीय विजय का कसूर ये था कि उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें पटाखे वाली बंदूक बनाने का तरीका बताया जा रहा था। बताया जा रहा है कि बालक वीडियो देख देखकर उसके हिसाब से बंदूक बनाने लगा। पहले उसने एक लकड़ी के ऊपर एल्युमिनियम पाइप बांधा। इसके बाद उसने सुतली बम से बारूद निकालकर उसे लकड़ी पर कसे एल्युमिनियम पाइप में भर दिया। इसके बाद एल्युमिनियम के पाइप में पीछे से एक 10 का सिक्का फंसा दिया और बारूद में आग लगा दी।
बच्चे की यही नादानी उसकी मौत का कारण बन गई। जैसे ही बारूद फटा प्रेशर से वही 10 का सिक्का विजय के गले में जा घुसा, जिससे एकाएक खून बहने लगा। घटना के बाद मौके पर मौजूद बच्चे के परिजन और आसपास के लोगों को कुछ समझ नहीं आया की आखिर बच्चे के गले से खून क्यों बह रहा है ? आनन फानन में उसे अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों के मुंह से विजय की मौत की खबर सुनते ही घर वाले हैरान परेशान हो गए थे। घर वालों को ये ही समझ नहीं आ रहा था कि आखिर बच्चे के गले से खून क्यों निकलने लगा और अचानक ही उसकी मौत कैसे हो गई। मामला उस समय उजागर हुआ, जब बालक का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पा चला कि बच्चे के गले में एक 10 का सिक्का फंसा था। गले के एक्स-रे मौत का कारण उजागर हुआ। ये कहना उचित होगा कि सोशल मीडिया जितना ज्ञान का मंच है, उतना ही खतरनाक भी है। फिलहाल, पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुट गई है।