धमतरी

CG News: मानसून से पहले ही बया चिड़िया की बसने लगी कॉलोनी, पेड़ की पूर्व दिशा में बनाते हैं घोंसला

CG News: मानसून बया का प्रजननकाल होता है। घोंसले का निर्माण प्रजनन और बच्चों को पालने के लिए बनाया जाता है।

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Jun 18, 2024

CG News: पेड़ो में लटकते ये स्टायलिश घोंसले बया के हैं। शहर से लगे ग्राम भटगांव रोड सड़क किनारे स्थित छिंद, बबूल और कुछ अन्य पेडों में ये घोंसले नजर आ रहे। एक पेड़ में तो बया ने दर्जनभर घोंसले बनाएं है। देखने में ऐसा लग रहा मानो ये बया की कालोनी हो। दरअसल मानसून के पहले ही बया चिड़िया अपना घोंसला बनाना शुरू कर देता है।

घोंसला पेड़ की पूर्व दिशा में बनाते हैं, ताकि मानसूनी हवा से बच सके। बया एक सामाजिक पक्षी है। बया (विवर बर्ड) ऐसे स्थान पर घोंसला बनाता है, जहा कोई खतरा न हो। इनके अंडों को सबसे ज्यादा खतरा सांप से होता है। इसलिए ये अपने घोंसले बनाने के पूर्व सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते हैं। मानसून बया का प्रजननकाल होता है। घोंसले का निर्माण प्रजनन और बच्चों को पालने के लिए बनाया जाता है।

नर बनाता है घोंसला, इसलिए बुनकर पक्षी की संज्ञा

बया की सबसे बड़ी खासियत है इसकी घोंसला बनाने की कला। घांस चुन-चुनकर बया घोंसला तैयार करता है। आधे निर्माण के बाद मादा बया को दिखाता है। पसंद आने पर ही दोनों मिलकर घोंसला को अंतिम रूप देते हैं। इंजीनियर की तर्ज पर घोसला तैयार होता है। चुन-चुनकर घोंसला बनाने की कला के कारण ही इसे बुनकर पक्षी भी कहा जाता है।

CG News: प्रजननकाल में बदल जाता है रंग

प्रजनन काल में बया का रंग पीला होता है। बांकी समय इसका रंग भूरा होता है। प्रजनन काल में ये एक ही पेड़ में साथ रहते हैं। मानसून के बाद ये बच्चों के साथ घोंसला छोड़ देते हैं। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 4 में बया को संरक्षित किया गया है।

इसे कैद में रखने, शिकार पर पाबंदी है। कुछ प्रदेशों में इसे रंग कर लव बर्ड के नाम से बेचा जाता है। धमतरी सहित प्रदेश में इसकी संख्या तेजी के साथ कम होते जा रही है।

Published on:
18 Jun 2024 12:57 pm
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