CG News: वृंदावन धाम की तर्ज पर मंदिर की स्थापना हुई है। भगवान श्रीकृष्ण और राधा की प्रतिमा संगमरमर से निर्मित है।
CG News: सदर बाजार स्थित बांके बिहारी मंदिर 102 वर्ष पुरानी है। शहर का यह इकलौता श्रीकृष्ण-राधा मंदिर है। इस मंदिर में 100 साल से मटका फोड़ का आयोजन होते आ रहा है। पहले मंदिर के भीतर मटका फोड़ होता था। पिछले कुछ वर्षों से मंदिर के बाहर गोविंदा मटका फोड़ का आयोजन किया जा रहा है। इस मंदिर में वर्षभर बुधवार के दिन भजन का आयोजन होता है। न्यास समिति द्वारा गठित राधिका भजन मंडली की महिलाएं भजन करती हैं। लगभग 50 साल से भजन होते आ रहा है। इस वर्ष भी जन्माष्टमी के दिन घंटों श्रीकृष्ण लीलाओं को लेकर भजन का आयोजन किया गया। शहर में मटका फोड़ की परंपरा यहीं से शुरू होना माना जाता है।
श्री बांके बिहारी मंदिर के पुजारी ने बताया कि 15 अगस्त को दोपहर 12 बजे से देर रात तक भगवान श्री बांके बिहारी का अभिषेक, तुलसी व पुष्प वर्षा का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान भक्तों ने भगवान श्री बांके बिहारी का तुलसीदल और फूलों की वर्षा कर अभिषेक किया। 16 अगस्त को भगवान को छप्पन भोग लगाकर आरती की गई। शाम 5 बजे से 5 वर्ष तक के बच्चों का राधा-कृष्णा वेशभूषा कार्यक्रम, थाल सजावट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। आरती के बाद रात 12 बजे तक राधिका भजन मंडली द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गई।
मंदिर का संचालन अयोध्यावासी स्वर्णकार समाज की न्यास समिति कर रही है। समिति के अध्यक्ष डॉ एनपी गुप्ता, उपाध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता ने बताया कि मंदिर को १०२ वर्ष हो रहे हैं। २०२३ में शताब्दी वर्ष मनाया गया था। मूर्तियों को जयपुर से हमारे पूर्वज मंगाए थे। वृंदावन धाम की तर्ज पर मंदिर की स्थापना हुई है। भगवान श्रीकृष्ण और राधा की प्रतिमा संगमरमर से निर्मित है। मंदिर का गुंबद स्वर्ण जड़ित है। मंदिर की आस्था दूर-दूर तक फैली है। भगवान राधा-कृष्ण की प्रतिमा के सामने हनुमानजी महाराज विराजमान हैं। साथ ही मंदिर के बाईं ओर शिव दरबार स्थित है। पूजा-पाठ की जिमेदारी पंडित ललितमोहन मिश्रा निभा रहे हैं
CG News: शनिवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। फैंसी ड्रेस स्पर्धा में बच्चे राधा-कृष्ण के भेष में पहुंचे। महिलाओं के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। कृष्ण जन्माष्टमी पर यहां श्रीकृष्ण को झूले में बिठाया जाता है। भगवान को झूला-झुलाने लंबी लाइन लगी रही। दर्शन करने लोग पहुंचते रहे। मंदिर को आकर्षक रूप दिया गया है। आकर्षक लाइटिंग से मंदिर जगमग हो रहा है। रात १२ बजे मटका फोड़ का आयोजन हुआ।