Dhar- धार में रात 8 बजे 5 हजार किसानोें का नेशनल हाईवे-52 पर धरना समाप्त
Dhar- मध्यप्रदेश के धार, बड़वानी, खरगोन और खंडवा जिलों के करीब 5000 किसानों ने धरना समाप्त कर दिया है। रात करीब 8 बजे कलेक्टर से बातचीत के बाद नेशनल हाईवे-52 पर जुटे किसान माने। खलघाट में दिनभर चले धरना प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय मजदूर किसान संघ ने धरना स्थगित करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें राज्य सरकार सहित केंद्र सरकार से जुड़ी मांगों का जिक्र किया है। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बताया कि किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन किया, उनका ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया है। प्रदेश स्तर की मांगों का जल्द ही समाधान किया जाएगा जबकि केंद्र सरकार से जुड़ी मांगों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दिल्ली पहुंचकर अपनी बात रखेगा।
धरना समाप्ति की घोषणा के बाद कलेक्टर ने किसानों को शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि ज्ञापन देने के बाद भी बड़ी संख्या में किसान धरना स्थल पर डटे रहे।प्रशासन द्वारा फोरलेन की एक साइड को खोलकर वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई।
बता दें कि कर्ज माफी और दूसरी मांगों को लेकर खलघाट में सुबह 4 बजे से ही किसानों का गुस्सा फूट पड़ा था। हजारों किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के साथ AB रोड पर उतर आए। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर महा चक्काजाम (Massive Blockade) लगा दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस पर उन्हें रोकने का आरोप लगाया। किसानों को रोके जाने के बाद हालात और बिगड़ गए। फोर-लेन सड़क का एक हिस्सा बंद हो गया। स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई। संगठन नेताओं समेत हजारों किसानों की भीड़ और सड़क पर बिगड़ते हालात को देखते हुए धामनोद के कई प्राइवेट स्कूलों ने छुट्टी कर दी। फोर-लेन सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह बंद रहा जबकि दूसरी तरफ ट्रैफिक धीमे धीमे चलता रहा।
खरगोन कसरावद. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ (मालवा-निमाड़ प्रांत) की ओर से खलघाट में यह प्रदर्शन किया गया जिसमें कसरावद क्षेत्र के किसान भी पहुंचे। पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। सुबह से ही खलघाट, कसरावद और आसपास के मार्गों पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। बिठेर व आसपास के गांवों से ट्रैक्टर लेकर निकले किसानों को रोका गया और पूछताछ की।
खरगोन मार्ग पर स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब आंदोलन में शामिल होने जा रहे किसानों के ट्रैक्टरों को पुलिस ने रोका। किसानों का आरोप है कि पुलिस ने उनके ट्रैक्टरों की चाबियां निकाल लीं। इससे नाराज किसान खरगोन रोड स्थित मुख्य सडक़ मार्ग पर बैठ गए और चक्काजाम कर दिया। किसानों ने पुलिस, प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना था कि वे शांतिपूर्ण ढंग से खलघाट आंदोलन में शामिल होने जा रहे थे, पुलिस ने उन्हें अनावश्यक रोका। जाम के कारण खरगोन रोड, इंदौर मार्ग, मंडलेश्वर रोड, जय स्तंभ चौराहा और बिठेर क्षेत्र से आने.जाने वालों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ट्रैफिक बाधित रहा। वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
निमरानी. मुंबई आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग खलघाट टोल पर तडक़े सुबह 4.30 बजे से ही किसान पहुंचे और आंदोलन शुरू किया। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने खलटांका चौकी और कसरावद फाटे पर बैरिकेटिंग की। ट्रैक्टरों को रोकने की कोशिश की गई। इससे किसानों ने जमकर नारेबाजी की। किसान पुलिस की हर कोशिश को धता बताते हुए आगे बढ़ते रहे। हाइवे पर प्रदर्शन के चलते यातायात बाधित रहा। निमरानी औद्योगिक क्षेत्र तक वाहनों का जमावड़ा रहा।
सुबह 11 बजे प्रशासन ने वाहनों का रूट डाइवर्ट किया। सेंधवा से इंदौर जाने वाले वाहनों को जुलवानिया, बड़वानी, खरगोन मार्ग से भेजा गया, जबकि इंदौर से सेंधवा की ओर आने वाले वाहनों को गुजरी, काकड़दा के अंदरूनी रास्तों से निकाला गया। रूट डायवर्ट के कारण यात्रियों को कई किमी अतिरिक्त घूमना पड़ा। वाहनों के रूट डाइवर्ट होने से खलघाट से निमरानी ठीकरी तक नेशनल हाइवे सुनसान रहा।
किसान नेताओं और दूसरे किसानों ने सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। इन मांगों में फसलों के लिए गारंटीड मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP), कर्ज माफी और गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देना शामिल है। इसके अलावा, किसानों ने केंद्र सरकार से दालों, कपास और प्याज के इंपोर्ट पर बैन लगाने की भी अपील की है।