धर्म-कर्म

Durvasa Rishi: कौन थे दुर्वासा ऋषि, इंद्र को क्यों दिया लक्ष्मीविहीन रहने का श्राप

Durvasa Rishi: दुर्वासा ऋषि का जिक्र रामायमण और माहाभारत दोनों पवित्र ग्रंथों में मिलता है। दुर्वासा ऋषि शिव पुत्र भी कहलाते हैं।

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Dec 12, 2024
Durvasa Rishi

Durvasa Rishi: दुर्वासा ऋषि को धार्मिक कथाओं में विशेष स्थान प्राप्त है। क्योंकि वे अत्रि ऋषि और अनसुया के पुत्र थे। मान्यता है दुर्वासा अपने क्रोधी स्वभाव के लिए भी जाने जाते थे। उनके क्रोध से देवता, दानव और मानव सभी डरते थे। एक बार दुर्वासा इंद्र देव से नाराज हो गए और उनको लक्ष्मीविहीन रहने का कठोर श्राप दे दिया था। जिससे इंद्रलोक में खलबली मच गई थी।आइए जानते हैं इंद्र से क्यों नाराज हो गए थे दुर्वासा? उन्हें शिव का अवतार भी माना जाता है।

इंद्र को लक्ष्मीविहीन होने का श्राप

दुर्वासा ऋषि की यह कहानी प्रचलित कहानियों में से एक है। यह कथा दुर्वासा के क्रोध को दर्शाती है। एक बार दुर्वासा ऋषि ने अपनी प्रसन्नता से इंद्र देव को एक दिव्य पुष्पमाला भेंट की। इंद्र ने उस माला का सम्मान न करते हुए उसे अपने ऐरावत हाथी के गले में पहना दिया। मान्यता है कि ऐरावत ने इस दिव्य पुष्पमाला को जमीन पर फेंक दिया और अपने पैरों तले कुचल दिया। जब यह दृश्य दुर्वासा ने देखा तो उनको अपमान महसूस हुआ। इस अपमान से क्रोधित होकर दुर्वासा ने इंद्र को श्राप दिया कि वह लक्ष्मीविहीन हो जाएंगे।

इंद्रलोक का हो गया वैभव नष्ट

धार्मिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि दुर्वासा ऋषि के इस श्राप के परिणामस्वरूप इंद्रलोक की समस्त ऐश्वर्य और वैभव नष्ट हो गए थे। वहीं देवताओं में हलचल पैदा हो गई। जब इंद्रलोक में समपत्तिविहीन हो गया तो देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया। इसके बाद पुनः लक्ष्मी देवी प्रकट हुईं और इंद्रलोक को उसका खोया वैभव वापस मिला।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Published on:
12 Dec 2024 03:08 pm
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