Kharmas End Date 2025: सूर्य हर महीने राशि बदलते हैं, जब ये गुरु की राशि में होते हैं तो गुरु और सूर्य दोनों कम प्रभावहीन हो जाते हैं। इसी कारण इसे खरमास या मलमास कहते हैं और इस समय शुभ काम नहीं होते हैं। क्या आपको पता है खरमास कब खत्म होगा और इस महीने क्या दान करना चाहिए।
Kharmas End Date 2025: पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक काम जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि नहीं होते हैं। लेकिन पूजा-पाठ, दान और खरीदारी की जा सकती है। इनमें खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त भी होते हैं और हर दिन अपनी श्रद्धा के हिसाब से जरूरतमंद लोगों को दान दिया जा सकता है।
ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार 15 दिसंबर को रात 10:19 बजे सूर्य वृश्चिक से निकलकर गुरु की राशि धनु में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के आते ही खरमास खत्म हो जाएगा। ऐसे में इस एक महीने के दौरान शुभ काम नहीं किए जा सकेंगे। लेकिन इन दिनों में मंत्र जप, दान, नदी स्नान और तीर्थ दर्शन करने की परंपरा है। इस परंपरा की वजह से खरमास के दिनों में सभी पवित्र नदियों में स्नान के लिए काफी अधिक लोग पहुंचते हैं। साथ ही पौराणिक महत्व वाले मंदिरों में भक्तों की संख्या बढ़ जाती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार एक साल में सूर्य एक-एक बार गुरु ग्रह की राशि धनु और मीन में भ्रमण करते है। इस तरह साल में दो बार खरमास रहता है। प्रायः 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनु और 15 मार्च से 15 अप्रैल तक मीन राशि का खरमास लगता है।
सूर्य के राशि परिवर्तन से ऋतुएं भी बदलती हैं। खरमास के दौरान हेमंत ऋतु रहती है। इस दौरान दिन छोटे और रातें बड़ी होने लगती हैं। साथ ही मौसम में भी बदलाव होने लगता है। गुरु की राशि में सूर्य के आने से मौसम में अचानक अनचाहे बदलाव भी होते हैं। इसलिए कई बार खरमास के दौरान बादल, धुंध, बारिश और बर्फबारी भी होती है।
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार खरमास में दान करने से तीर्थ स्नान जितना पुण्य फल मिलता है। इस महीने में निष्काम भाव से ईश्वर के नजदीक आने के लिए जो व्रत किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है और व्रत करने वाले के सभी दोष खत्म हो जाते हैं।
इस दौरान जरूरतमंद लोगों, साधुजनों और दुखियों की सेवा करने का महत्व है। खरमास में दान के साथ ही श्राद्ध और मंत्र जाप का भी विधान है। घर के आसपास किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें। पूजन सामग्री जैसे कुमकुम, घी, तेल, अबीर, गुलाल, हार-फूल, दीपक, धूपबत्ती आदि।