Ramayana secret: सुषेण वैद्य लंका नगरी के वैद्य थे। वे चिकत्सक विद्या में निपूर्ण माने जाते थे। सुषेण ने ही लक्ष्मण जी की जान बचाई थी।
Ramayana secret: वाल्मिकी रामायण के अनुसार सुषेण वैद्य का किरदार बहुत ही महत्वपूर्ण और धर्म का सहयोग करने वाला रहा है। जब भगवान राम का लंका के राजा रावण से युद्ध चल रहा था। तब लक्ष्मण जी मेघनाद के प्रहार से मूर्च्छित हो गए थे। जिससे भगवान राम बहुत दुखी थे। ऐसे में सुषेण वैद्य ने को बुलाया गया था। आईए जानते हैं कौन थे सुषेण वैद्य?
सुषेण वैद्य रामायण में एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे। वह लंका नगरी में रहते थे। उनके लंका में रहने का मुख्य कारण यह था कि वे राक्षस राजा रावण के दरबार के वैद्य निजी थे। माना जाता है कि रावण ने अपनी शक्ति और प्रभाव के बल पर कई विद्वानों, योद्धाओं, और कुशल व्यक्तियों को अपने राज्य में नियुक्त कर रखा था। ताकि उसका साम्राज्य अधिक सशक्त और समृद्ध बना रहे।
सुषेण वैद्य वानरराज सुग्रीव के ससुर थे। क्योंकि राजा बालि की पत्नि अप्सरा तारा का विवाह बालि की मृत्यु के बाद सुग्रीव से हुआ था। बालि की पत्नि तारा सुषेण वैद्य की धर्म पुत्री थी। जिसका पुत्र अंगद अपने पिता बालि की हत्या के बाद भगवान राम की सेना शामिल हो गया था।
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