Laghu Rudra Abhishek Puja: लघु रुद्राभिषेक शिवजी का महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसमें लघु रुद्राभिषेक स्तोत्र के शक्तिशाली मंत्रों का उच्चारण करते हुए शास्त्रों पुराणों में बताई सामग्री से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। ये मंत्र सौभाग्य लाते हैं और पूजा करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। इससे व्यक्ति निरोगी बनता है। आइये पढ़ें लघु रुद्राभिषेक स्तोत्रम् ..
Laghu Rudra Abhishek Puja: भगवान शिव सभी बुराइयों के नाश करने वाले हैं। इनकी पूजा से मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिकता और शांति आती है। अभिषेक किए जाने से ये प्रसन्न हो जाते हैं, विशेष रूप से सावन में। इसलिए भक्त प्रायः सावन में अपने तमाम कामनाओं के लिए रुद्राभिषेक करते हैं।
लघु रुद्राभिषेक पूजा महा रुद्र अभिषेक के रूप में भी जानी जाती है। लघु रुद्राभिषेक पूजा से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि आती है। सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। वैसे तो रुद्राभिषेक किसी दिन भी किया जा सकता है, लेकिन त्रियोदशी तिथि, प्रदोष काल, सोमवार और सावन में किसी भी दिन रुद्राभिषेक करना परम कल्याण कारी है।
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ॐ सर्वदेवेभ्यो नम :
ॐ नमो भवाय शर्वाय रुद्राय वरदाय च।
पशुनां पतये नित्यं उग्राय च कपर्दिने॥1॥
महादेवाय भीमाय त्र्यंबकाय शिवाय च।
इशानाय मखन्घाय नमस्ते मखघाति ने॥2॥
कुमार गुरवे नित्यं नील ग्रीवाय वेधसे।
पिनाकिने हविष्याय सत्याय विभवे सदा।
विलोहिताय धूम्राय व्याधिने नपराजिते॥3॥
नित्यं नील शीखंडाय शूलिने दिव्य चक्षुषे।
हन्त्रे गोप्त्रे त्रिनेत्राय व्याधाय च सुरेतसे॥4॥
अचिंत्यायाम्बिकाभर्त्रे सर्व देवस्तुताय च।
वृषभध्वजाय मुंडाय जटिने ब्रह्मचारिणे॥5॥
तप्यमानाय सलिले ब्रह्मण्यायाजिताय च।
विश्र्वात्मने विश्र्वसृजे विश्र्वमावृत्य तिष्टते॥6॥
नमो नमस्ते सत्याय भूतानां प्रभवे नमः।
पंचवक्त्राय शर्वाय शंकाराय शिवाय च॥7॥
नमोस्तु वाचस्पतये प्रजानां पतये नमः।
नमो विश्र्वस्य पतये महतां पतये नमः॥8॥
नमः सहस्त्र शीर्षाय सहस्त्र भुज मन्यथे।
सहस्त्र नेत्र पादाय नमो संख्येय कर्मणे॥9॥
नमो हिरण्य वर्णाय हिरण्य क्वचाय च।
भक्तानुकंपिने नित्यं सिध्यतां नो वरः प्रभो॥10॥
एवं स्तुत्वा महादेवं वासुदेवः सहार्जुनः।
प्रसादयामास भवं तदा शस्त्रोप लब्धये॥11॥
॥ इति शुभम्॥
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पूजा प्रत्यक्ष करें या काल्पनिक करें रुद्राभिषेक के लिए इस नियम का पालन करना चाहिए।