
हरियाली अमावस्या दान
हरियाली अमावस्या पर दान पुण्य का विशेष महत्व है। लेकिन हरियाली अमावस्या पर दीपदान जरूर करना चाहिए। इस दिन आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करने से पितृदेव और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस दिन शनिदेवजी के मंदिर में विधि अनुसार दीपक जलाने से वे प्रसन्न होते हैं।
हरियाली अमावस्या पर मछली, चींटियों और ब्राह्मणों को भोजन कराने से हर संकट दूर होते हैं। इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है। इस दिन गेहूं और ज्वार की धानी का प्रसाद बांटना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं, इसलिए इस दिन पितरों की प्रसन्नता के लिए ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए। इस दिन कल्याण के लिए किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं, अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं।
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हरियाली अमावस्या पर जरूरतमंदों को छाता, पलंग, वस्त्र, कंबल, चटाई या दरी का दान करना चाहिए। बारिश और ठंड में ये चीजें बहुत उपयोगी होंगी।
हरियाली अमावस्या पर काले तिल का दान करना शुभ माना है। मान्यता के अनुसार काला तिल दान करने से कुंडली से बुरे ग्रहों का प्रभाव खत्म होता है और शुभ संकेत मिलते हैं।
अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी के भाई चंद्र से जुड़ी चीजें जैसे दूध, चावल, शक्कर, नारियल, सफेद वस्त्र का भी दान करना चाहिए। इससे शिव जी की कृपा के साथ लक्ष्मी जी की भी कृपा प्राप्त होगी।
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यदि आप शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या आदि से परेशान हैं तो हरियाली अमावस्या पर छतरी, चमड़े के जूते-चप्पल, साबुत उड़द आदि दान करें।
Updated on:
02 Aug 2024 02:35 pm
Published on:
02 Aug 2024 02:31 pm
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