Dev Shayani Ekadashi: इस सीजन में विवाह कार्यक्रमों का सोमवार को अंतिम मुहूर्त है। इसके बाद देव शयनी एकादशी पर 17 जुलाई को 118 दिनों के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। साथ ही विवाह कार्यक्रम समेत सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगा और 124 दिन का लंबा ब्रेक लगा रहेगा। इसके बाद नवंबर में देवउठनी ग्यारस के बाद ही विवाह कार्यक्रम शुरू होंगे।
Dev Shayani Ekadashi: इस सीजन में विवाह कार्यक्रमों का सोमवार को अंतिम मुहूर्त है। इसके बाद देव शयनी एकादशी पर 17 जुलाई को 118 दिनों के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। साथ ही विवाह कार्यक्रम समेत सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगा और 124 दिन का लंबा ब्रेक लगा रहेगा। इसके बाद नवंबर में देवउठनी ग्यारस के बाद ही विवाह कार्यक्रम शुरू होंगे।
अशोक नगर के पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित किशनलाल मिश्र के मुताबिक इस सीजन में 15 जुलाई विवाह का अंतिम मुहुर्त है और फिर कोई विवाह मुहुर्त नहीं है। क्योंकि 17 जुलाई को देवशयन एकादशी से 12 नवंबर को देवप्रबोधनी एकादशी तक विवाहों के आयोजन नहीं होते हैं। इससे 12 नवंबर को तुलसी-सालिगराम विवाह तो होगा, लेकिन आमजन के लिए विवाह मुहुर्त 17 नवंबर से शुरू होंगे। इससे लगातार 124 दिन तक बाजार में विवाहों के लिए सामान की खरीदारी पर विराम लग जाएगा, तो शहनाई की गूंज भी रूक जाएगी। इसके अलावा मैरिज गार्डनों में शोरगुल थम जाएगा।
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पंडित किशनलाल मिश्र के मुताबिक देवशयन एकादशी से देव प्रबोधन एकादशी तक भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, जो इस दौरान राजा बली के यहां निवास करते हैं। तो वहीं देवता व सिद्ध इस दौरान साधना में लीन रहते हैं। इसलिए इस अवधि में विवाह आदि मांगलिक कार्यों के आयोजन नहीं होते हैं। साथ ही इस दौरान संत एक स्थान पर ही रुककर चातुर्मास करेंगे। इससे 118 दिन तक चातुर्मास चलेगा और 17 नवंबर से ही फिर से विवाहों के मुहुर्त शुरू होंगे।