Magh Month Date 2025: माघ मास में गीता, रामायण, और अन्य धर्मग्रंथों का अध्ययन करना बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने में गरीबों को भोजन और दान करने से पुण्यफल प्राप्त होता है।
Magh Month Date 2025: माघ मास हिंदी साल के अनुसार 11 वां महीना है। इस माह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। क्योंकि इस माह को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस माह में विशेष रूप से भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा होती है। आइए जानते हैं कब से शुरु होगा माघ का महीना?
माघ मास की शुरुआत हर साल मकर संक्रांति के दिन होती है। इस साल माघ की शुरुआत 14 जनवरी 2025 मकर संक्रांति के त्योहार के दिन से होगी। यह 12 फरवरी तक रहेगा।
धार्मिक गंथों के अनुसार माघ में धर्म-कर्म और स्नान का विशेष महत्व है। इसको भाग्य वर्धक माह भी कहा जाता है। क्योंकि इस दौरान किए गए धार्मिक कार्य, स्नान, दान और व्रत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
माघ के महीने में गंगा, यमुना और सरस्वती पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माघ मास को आत्मा के उत्थान का समय माना गया है। यह मास व्यक्ति को भौतिक सुख-सुविधाओं से ऊपर उठकर आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
माघ मास में भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने में संक्रांति, वसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा जैसे पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं।
दान का महत्व- माघ मास में अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, घी और धन का दान शुभ माना जाता है। इसे दान-पुण्य का मास भी कहा जाता है।
आध्यात्मिक लाभ- माघ मास ध्यान और योग के लिए आदर्श समय है। यह मास मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए उत्तम माना जाता है।
स्नान का महत्व- इस मास में ब्रह्ममुहूर्त में पवित्र नदियों या तीर्थ स्थलों पर स्नान करना भाग्य और सुख-शांति को बढ़ाता है।
व्रत और अनुष्ठान- हर दिन भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करें। विशेषकर, माघ पूर्णिमा और वसंत पंचमी के दिन व्रत रखना अत्यंत शुभ होता है।
हिंदू धर्म में माघ मास धार्मिक परंपराओं को निभाने का शुभ समय माना जाता है। इसके साथ ही यह आत्मशुद्धि और धर्मपरायण कार्य करने के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इस महीने में किए गए सभी पुण्य कर्यों का फल आपके भाग्य को सवांरता है साथ ही भगवान के भक्ति का अवसर प्रदान करता है।