धर्म-कर्म

Mahabharat Secret: कितना जानते हैं शिखंडी के विषय में, जो भीष्म की मृत्यु का कारण बने

Mahabharat Secret: शिखंडी कौन थे पुरुष या स्त्री, आखिर क्यों भीष्म ने शिखंडी के सामने आते ही अस्त्र शस्त्र रख दिए, इस कहानी से जानिए अपने हर सवाल का जवाब ...

2 min read
Feb 06, 2025
भीष्म वध में शिखंडी की भूमिका

Mahabharat Secret: महाभारत के अजेय महायोद्धा भीष्म पितामहको अर्जुन ने युद्ध के दौरान अपने बाणों से धराशायी जरूर कर दिया था। लेकिन उनकी मृत्यु का षड्यंत्र रचने में शिखंडी का हाथ था, जो भीष्म के अंत का कारण माना जाता है। आइए जानते हैं कौन था शिखंडी और क्यों कराया भीष्म पितामह का वध?

कौन थे शिखंडी

शिखंडी का जन्म काशी के राजा द्रुपद के यहां हुआ था। लेकिन उसकी कहानी उसके पूर्व जन्म से जुड़ी है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शिखंडी पूर्व जन्म में अंबा नामक राजकुमारी थी। एकबार भीष्म पितामह ने काशी नरेश की तीन कन्याओं अंबा, अंबिका और अंबालिका का हरण किया था। तब अंबा ने परशुराम के माध्यम से भीष्म से विवाह करने का आग्रह किया। लेकिन भीष्म ने अपनी आजन्म ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा के कारण विवाह से इंकार कर दिया।

अपमानित और प्रतिशोध की भावना से भरकर अंबा ने महादेव की घोर तपस्या की और भगवान शिव को प्रसन्न किया। शिवजी ने उन्हें वरदान दिया कि अगले जन्म में वे पुरुष रूप में जन्म लेंगी और भीष्म की मृत्यु का कारण बनेंगी। इसी वरदान के कारण अंबा का पुनर्जन्म शिखंडी के रूप में हुआ।

कुरुक्षेत्र युद्ध और भीष्म की मृत्यु

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महाभारत के युद्ध में शिखंडी पांडवों की ओर से लड़े थे। जब कुरुक्षेत्र में भीष्म पितामह और अर्जुन का घोर युद्ध चल रहा था। तब अर्जुन बाबा भीष्म के बाणों की मार से भयबीत था। रणभूमि में भीष्म पितामह को हराना अर्जुन के वश की बात नहीं थी। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने मौका देखकर शिखंड़ी को बाबा भीष्म के सामने कर दिया।

शिखंडी को युद्ध के बीच में देखकर पितामह आश्चर्यचकित हो गए। क्योंकि शिखंडी अपने जन्म से एक कन्या थी। भीष्म ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि वे किसी स्त्री पर शस्त्र नहीं उठाएंगे। इसलिए वे शिखंडी से युद्ध नहीं कर सके। अर्जुन ने इस अवसर का लाभ उठाकर भीष्म को अपने बाणों से छलनी कर दिया। इसके बाद पितामह बाणों की शय्या पर गिर पड़े।

प्रतिशोध को दर्शाती है कहानी

शिखंडी की कहानी महाभारत में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। भीष्म पितामह के वध की कहानी महाभारत महाकाव्य को और भी रोचक बनाती है। यह कहानी न्याय, प्रतिशोध और नियति के जटिल ताने-बाने को दर्शाती है। जो महाभारत को एक अद्वितीय ग्रंथ बनाती है।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Published on:
06 Feb 2025 11:42 am
Also Read
View All

अगली खबर