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Navratri Ke Niyam: संपूर्ण फल के लिए नवरात्रि के इन 9 नियमों का करें पालन, जानें किस दिशा में करें कलश स्थापना

Navratri Ke Niyam in hindi: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है, इसके बाद कलश स्थापना कर दस दिन तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। उपवास रखा जाएगा और नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत पूरा किया जाएगा। लेकिन संपूर्ण फल के लिए इन नौ नियमों का पालन जरूरी है। आइये जानते हैं नवरात्रि के 9 नियम और किस दिशा में करें कलश स्थापना (kalash sthapana direction) ..

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Oct 02, 2024
Navratri Ke Niyam in hindi: नवरात्रि व्रत के नियम

Navratri Ke Niyam in hindi: कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है। नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है। यह घट स्थापना विशेष रूप से शक्ति की देवी का आह्वान है।


मान्यता है कि गलत समय में घट स्थापना करने से देवी मां क्रोधित हो सकती हैं। रात के समय और अमावस्या के दिन घट स्थापित करने की मनाही है। घट स्थापना का सबसे शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है।

अगर किसी कारण वश आप उस समय कलश स्थापित न कर पाएं तो अभिजित मुहूर्त में भी स्थापित कर सकते हैं। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजित मुहूर्त कहलाता है। सामान्यत: यह 40 मिनट का होता है। साथ ही कुछ नवरात्रि के नियम का पालन जरूरी है वर्ना व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। आइये जानते हैं वो 9 नियम कौन से हैं…

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शारदीय नवरात्रि के 9 नियम (navratri ke vrat kaise kare)

  1. नवरात्रि से ठीक एक दिन पहले मां दुर्गा की आराधना करें और पूरे नवरात्रि तक पूरे परिवार को सात्विक भोजन करना चाहिए।
  2. कलश की स्थापना उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में ही करें, सबसे पहले गणेश जी की पूजा करना न भूलें।
  3. नवरात्रि में ब्रह्म मुहूर्त में उठें और पूजा पाठ करें, मुख्य गेट पर आम के पत्तों का तोरण बनाएं, सात्विक आचरण करें, इस दौरान पवित्र रहने का नियम न तोड़ें।
  4. नवरात्रि में तामसिक वस्तुओं जैसे गुटखा, पान, सुपारी, सिगरेट, अंडा, शराब, बीड़ी, प्याज, लहसुन, मांस, मछली आदि का सेवन न करें।
  5. नवरात्रि व्रत रखने वाले लोगों को को ब्रह्मचर्य के नियमों पालन करना चाहिए, पूरे नवरात्रि भोग विलास की चीजों से दूर रहना चाहिए।
  6. नवरात्रि के पहले दिन व्रत करने के बाद पूजा जरूर करें और मां दुर्गा को चौकी पर विराजमान करें।
  7. नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पाठ और देवी भागवत पुराण का पाठ जरूर करें। इससे आप पर मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहेगा।
  8. दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन जरूर करें, क्योंकि कन्याओं को देवी मां का रूप माना जाता है।
  9. दुर्गा अष्टमी पर नवरात्रि का हवन करें, इसे आप महानवमी के दिन भी कर सकते हैं।

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