
Navratri 2024 Kalash Sthapana: मां दुर्गा की कलश स्थापना
कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है। नवरात्रि की शुरुआत घट स्थापना के साथ ही होती है। यह घट स्थापना विशेष रूप से शक्ति की देवी का आह्वान है।
मान्यता है कि गलत समय में घट स्थापना करने से देवी मां क्रोधित हो सकती हैं। रात के समय और अमावस्या के दिन घट स्थापित करने की मनाही है। घट स्थापना का सबसे शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है। अगर किसी कारण वश आप उस समय कलश स्थापित न कर पाएं तो अभिजित मुहूर्त में भी स्थापित कर सकते हैं। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजित मुहूर्त कहलाता है। सामान्यत: यह 40 मिनट का होता है।
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि मां दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है, नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए लाल रंग का ही आसन खरीदें। इसके अलावा कलश स्थापना के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार पिटारी भी चाहिए।
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भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12:07 बजे आ जाएगी। जो 12 अक्टूबर को सुबह 10:59 बजे तक रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि आएगी, इसलिए 12 अक्टूबर को सुबह नवमी का पूजन होगा और शारदीय नवरात्रि का समापन इसी दिन माना जाएगा।
शाम को दशहरा यानी विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही दशहरा पर शस्त्र पूजा भी इसी दिन होगी और शाम को रावण दहन किया जाएगा। जबकि शनिवार होने की वजह से और अगले दिन रविवार को उदया तिथि में दशमी तिथि होने की वजह से नवरात्रि का उत्थापन होगा।
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Updated on:
03 Oct 2024 11:21 am
Published on:
02 Oct 2024 08:40 pm
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